खामोशी छा जाती है, तभी पब्लिक से आवाज उठती है…नहीं। इसके बाद शिवराज सिंह पूरे आत्मविश्वास से कांग्रेस पर हमलावर हो जाते हैं और कहते हैं…कांग्रेस को शिवराज पर गुस्सा इसलिए आता है, क्योंकि वे गांव-गरीब की बात करते हैं, किसानों को बोनस देने की बात करते हैं, शिवराज अपने भाई-बहनों और भांजे-भांजियों की फिक्र करता है..इसलिए कांग्रेस को गुस्सा आता है।
शिवराज रुकते हैं…सभा में तालियां बजती हैं और फिर एक ही सांस में सरकार की योजनाएं गिना देते हैं और उसके साथ हर योजना के साथ पब्लिक से अपना रिश्ता जोड़ते चले जाते हैं।
वे बोलते हैं, आजकल बड़े बच्चे मुझे मामा, आई लव यू बोलते हैं…मैं भी आई लव यू टू में जवाब दे देता हूं। मामा जब तक हैं…तब तक तुम्हारी फीस से लेकर किताब-कॉपियों तक का जिम्मा मेरा है…अब तो आप अच्छे नंबर लाओ…मामा स्कूटी तैयार रखेगा। वे भावुक होकर बोलते हैं… मेरी हर सांस आपकी.. आखिरी सांस तक सिर्फ आपके लिए काम करूंगा। उनका यह अंदाज मतदाताओं को जोड़ता है। बड़े बच्चे मुझे मामा, आई लव यू बोलते हैं…मैं भी आई लव यू टू में जवाब देता हूं।
बागियों से बोले- जो हुआ भूल जाओ, बाकी मैं हूं ना
शि वराज के साथ शुरू हुआ चुनावी सफर रतलाम, धार, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी होते हुए खरगोन में पूरा हुआ। पूरे दिन उनकी चुनावी गतिविधियों पर नजर टिकी रही…बार-बार पूछे जा रहे सवालों का जवाब शिवराज देते रहे।
हेलिकॉप्टर पर सवार हुए तो धीमे से बोले…यार, रात को साढ़े तीन बजे सोया हूं…थोड़ी देर सोऊंगा। वे कहते हैं, दो-तीन महीने से सिर्फ दो-तीन घंटे ही सो पा रहा हूं। हेलिकॉप्टर में ही शिवराज ने सोने की कोशिश की, लेकिन कुछ मिनट बाद ही वे अपना चुनावी प्रोग्राम देखना शुरू कर देते हैं। बातचीत में कांग्रेस पर हमलावर होने के साथ ही शिवराज चुनाव में हो रहे डैमेज को कंट्रोल करते भी दिखेे।
बडनग़र से हेलिकॉप्टर में बागी जितेंद्र पंड्या को साथ बैठा लेते हैं…दसई में वेल सिंह भूरिया का हाथ भाजपा प्रत्याशी संजय सिंह बघेल से मंच पर मिलवाने के बाद उन्हें अपने साथ ले आते हैं। एक ही बात कहते हैं…जो हुआ भूल जाओ…भाजपा को फिर सत्ता में लाओ। बाकी मैं हूं ना…।
जितेंद्र टिकट के दावेदार थे और वेल सिंह विधायक हैं…दोनों को टिकट नहीं मिला। बड़वानी में सांसद सुभाष पटेल को साथ बैठाया और पूछने लगे कि राजपुर में क्या हाल हैं… सुभाष ने कहा मजबूत हैं। जवाब था…बड़ी जीत चाहिए। यहां से कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बाला बच्चन चुनाव मैदान में हैं। धरमपुरी में अंधेरा होने के बाद कार से ही रवाना हो गए। करीब 340 किलोमीटर का सफर सडक़ से पूरा करते सीएम रात 1.30 बजे आवास पहुंचते हैं, जहां वे दिनभर का चुनावी फीडबैक भी लेते हैं।
दो-तीन महीने से दो-तीन घंटे ही सो पा रहा हूं, सफर में ही आंखें मूंदकर खुद को करते हैं तरोताजा