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मध्यप्रदेश / कमलनाथ सरकार को झटका, विधायक बने रहेंगे प्रहलाद लोधी

locationभोपालPublished: Dec 06, 2019 05:02:15 pm

Submitted by:

Manish Gite

बीजेपी विधायक प्रहलाद लोधी की सदस्यता पर से खतरा टला, विधायक बने रहेंगे

vishansabha

भोपाल। भाजपा के विधायक प्रहलाद लोधी ( BJP MLA PRAHLAD LODHI ) के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कमलनाथ सरकार ( Kamal Nath government ) को झटका दिया है। शुक्रवार को राज्य सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिका खारिज कर दी। यह याचिका मध्यप्रदेश सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और विवेक तन्खा ने दायर की थी।

 

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बयान
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का भी बयान आया है। उन्होंने कहा कि लोधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। विधानसभा स्पीकर ने विधायक लोधी को असंवैधानिक तरीके से अयोग्य घोषित कर दिया था।

चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने घटिया हरकत की और एक माह तक क्षेत्र की जनता को अपने जनप्रतिनिधि से वंचित रखना महापाप है। प्रहलाद लोधी के मामले में जब जबलपुर हाईकोर्ट ने सजा पर स्थगन दे दिया था तो अयोग्यता भी स्वतः समाप्त हो गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने जबलपुर हाईकोर्ट के फैसले को ही बरकरार रखा है। चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने जो ओछी हरकत की है, वो लोकतंत्र का गला दबाने वाली है। संविधान की धज्जियां उड़ाने वाली है।

 

मध्यप्रदेश के पवई से बीजेपी के विधायक प्रहलाद लोधी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। उनकी विधायकी बच गई है। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और विवेक कृष्ण तन्खा की ओर से दायर विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। प्रहलाद लोधी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और पुरुशेंद्र कौरव ने पक्ष रखा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह तय हो गया है कि विधायक प्रहलाद लोधी 17 दिसंबर से शुरू होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र में शामिल हो पाएंगे। इससे पहले जबलपुर हाईकोर्ट ने लोधी की सजा पर 2 माह तक यानि 7 जनवरी तक के लिए रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने प्रहलाद लोधी की सजा के मामले में जबलपुर हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है।

 

यहां से शुरू हुआ था मामला
प्रहलाद लोधी पर एक तहसीलदार से मारपीट का आरोप है, जिसका एक प्रकरण न्यायालय में चल रहा था। इस मामले में लोधी को भोपाल की स्पेशल कोर्ट ने दोषी मानते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। इस मामले में हाईकोर्ट ने सजा पर स्टे दे दिया था। लोधी जमानत पर हैं। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने विधानसभा से प्रहलाद लोधी की सदस्यता रद्द करते हुए सदन में एक पद रिक्त होने की सूचना चुनाव आयोग को दे दी थी। इसे लेकर बीजेपी और कांग्रेस में काफी समय से सियासत गर्म थी। बीजेपी अध्यक्ष ने कहा था कि बीजेपी विधायक प्रहलाद लोधी की सदस्यता खत्म करने का फैसला राजनीतिक बदले की भावना से लिया गया था।

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