भोपाल

चिकित्सा शिक्षा विभाग का यह जवाब चौंका देगा आपको, जाने पूरा मामला

निजी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन को लेकर आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी में विभाग बोला हम कुछ नहीं कर सकते।

भोपालNov 21, 2017 / 11:17 am

दीपेश तिवारी

भोपाल। प्रदेश की चिकित्सा शिक्षा की कमान संभालने वाले विभाग का एक चौंकाने वाला जवाब सामने आया है। आरटीआई के तहत मांगी जानकारी के जवाब में चिकित्सा शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि निजी व्यावसायिक पाठ्यक्रम संचालित करने वाली संस्थाओं पर हमारा प्रशासनिक नियंत्रण नहीं है, फर्जी एडमिशन पर कम कुछ नहीं कर सकते।
ये जवाब आरटीआई एक्टिविस्ट मनोज त्रिपाठी की आरटीआई के जवाब में दिया है। सूचना के अधिकार के तहत निजी मेडिकल कॉलेजों में कूटरचित दस्तावेज से एमबीबीएस पाठ्यक्रम में एनआरआई कोटे में फर्जी एडमिशन की जांच संबंधी जानकारी मांगी थी। यहां से संचालक चिकित्सा शिक्षा द्वारा लिखित में जवाब दिया गया है कि शैक्षणिक सत्र 2017-18 में निजी मेडिकल कॉलेजों की एमबीबीएस पाठ्यक्रम में एनआरआई कोटा की सीटों पर प्रवेश राज्य स्तरीय संयुक्त यूजी काउंसिल से ऑनलाइन काउंसलिंग के जरिए दिया गया है।
नीट भारत सरकार की सीबीएसई ने ली थी, उसके आधार पर ही प्रवेश दिया गया। इन पर तकनीकी शिक्षा व कौशल विभाग मंत्रालय निगरानी रखता है, इसलिए हम कुछ नहीं कर सकते।

इधर,बीयू में परीक्षा फॉर्म भरने पहुंच रहे छात्र-
बीयू ने छात्रसंघ चुनाव के कारण तीसरे और पांचवे सेमेस्टर परीक्षाएं ३० नवंबर तक स्थगित कर दी हैं। परीक्षा के एेन मौके तक विवि प्रशासन ने ऑनलाइन फार्म भराए। इसके बाद भी कई छात्रों के फॉर्म नहीं भरा सके।
इसमें कई के फॉर्म कॉलेज प्रबंधनों की लापरवाही के कारण नहीं भरा सके। बड़ी संख्या में छात्र सोमवार को बीयू पहुंचे और आवेदन भरने की मांग की। उधर, डिप्टी रजिस्ट्रार यशवंत पटेल का कहना है कि भले परीक्षाएं स्थगित हुईं हैं, लेकिन अब आवेदन भरने की छूट नहीं दी जा सकती। इससे व्यवस्थाएं बिगड़ सकती है।
यहां पीएमओ ने लिया शिकायत पर संज्ञान, कहा नहीं होगी दखलंदाजी : टीटी नगर में गैमन इंडिया के सीबीडी प्रोजेक्ट में आवंटियों की शिकायत पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लिया है। इसमें केंद्रीय मंत्री द्वारा प्रदेश के मंत्री समिति को प्रभावित करने का आरोप लगाया था, जिसपर कार्रवाई करते हुए पीएमओ कार्यालय से सभी संबंधितों को इस प्रोजेक्ट में दखल नहीं देने का कहा है।
सोमवार को गैमन आवंटियों की और से चंदना सी अरोरा ने पत्रकारवार्ता में ये बात कही। उन्होंने पांच अक्टूबर को पीएमओ पत्र लिखकर बताया था कि पूरी राशि लेने के बावजूद सीबीडी में आवंटियों को पजेशन नहीं दिया जा रहा है। मनमर्जी की राशि ली जा रही है। इसमें उन्होंने एक केंद्रीय मंत्री का नाम लिखकर शिकायत की थी कि इसमें गैमन के पक्ष में निर्णय कराने प्रदेश के तीन मंत्रियों को प्रभावित किया जा रहा है।
इसपर हाल में आए पीएमओ से एक पत्र में अरोरा और आवंटियों को आश्वस्त किया है कि संबंधितों तक शिकायत पहुंचा दी है। अरोरा ने बताया कि पीएमओ से इस संबंध में आश्वासन
मिला है कि कोई भी दखलंदाजी नहीं होगी। अरोरा ने पीएमओ की इस कार्रवाई से मुख्यमंत्री व संबंधित मंत्रियों को भी अवगत कराने की अपील की है ताकि मंत्री समिति निष्पक्ष तरीके से जांच कर निर्णय दे।

Home / Bhopal / चिकित्सा शिक्षा विभाग का यह जवाब चौंका देगा आपको, जाने पूरा मामला

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.