scriptMP में दुकानदारों पर दोहरे टैक्स की मार, घर में दुकान तो भी देना पड़ रहा दोहरा टैक्स | Shop in the house has to pay double tax in madhya pradesh | Patrika News

MP में दुकानदारों पर दोहरे टैक्स की मार, घर में दुकान तो भी देना पड़ रहा दोहरा टैक्स

locationभोपालPublished: Jul 30, 2022 02:14:20 pm

– इस दोहरे टैक्स से डेढ़ लाख से अधिक घर-दुकान हो रहे प्रभावित
– 70 हजार से अधिक घरों में संचालित हो रही हैं दुकानें- 600 रुपए औसत अतिरिक्त वसूली हो रही है, 4.73 लाख संपत्तियां है शहर में

shopes_with_double_tax.jpg

भोपाल। घर में छोटी दुकान शुरू करना हो या फिर बाजार में व्यावसायिक परिसर में दुकान खोलना। दुकानदार नगर निगम को एक ही श्रेणी में दोहरा टैक्स दे रहे हैं। नगर निगम इन दुकानों से संपत्तिकर तो व्यवसायिक दर से वसूल ही रहा है, दुकान के नाम पर व्यावसायिक शुल्क भी ले रहा है। शहर में इस तरह की करीब डेढ़ लाख दुकानें इस दोहरे टैक्स के दायरे में हैं।

शहर में संपत्तिकर के कुल चार लाख 73 हजार 784 खाते हैं। इनमें करीब 80 हजार संपत्तियां तो विशुद्धतौर पर बाजारों में हैं, जबकि करीब 70 हजार मोहल्लों, कॉलोनियों में घरों में हैं। दोहरे टैक्स के तौर पर इनसे निगम सालाना करीब नौ करोड़ रुपए की अतिरिक्त वसूली कर रहा है।

ऐसे समझें दोहरे टैक्स का गणित-
हमारे यहां दुकान है, जिसका संपत्तिकर व्यवसायिक दर से लिया जाता है। साथ ही व्यवसायिक शुल्क भी लेते हैं। एक ही संपत्ति का दोहरा टैक्स ठीक नहीं है।
– सुरेश राव, अवधपुरी

दुकान है तो या तो संपत्तिकर ही ले लें या फिर व्यवसायिक शुल्क ले लें। इस तरह दोहरा टैक्स ठीक नहीं है।
– राजू मीणा, कोलार रोड

नगर निगम ने कलेक्टर गाइडलाइन से संपत्तिकर को जोड़ दिया है। शहर को सात परिक्षेत्र में बांटकर संबंधित क्षेत्र की कलेक्टर गाइडलाइन के अनुसार भाड़ा मूल्य तय किया जा रहा है। वार्षिक भाड़ा मूल्य 6000 रुपए से अधिक होने पर छह फीसदी से 10 फीसदी तक भुगतान वसूला जाता है।

घर यदि परिक्षेत्र एक में आता है तो 133 रुपए प्रतिवर्ग मीटर की दर से वार्षिक भाड़ा मूल्य तय किया जाता है। यदि उसमें दुकान है तो उस हिस्से के क्षेत्रफल पर संपत्तिकर की गणना 266 रुपए प्रतिवर्ग मीटर की दर से की जाती है। ऐसे में यदि संपत्तिकर सामान्य घर पर 3000 रुपए बन रहा होता है, तो दुकान की वजह से वह 3500 से 4000 रुपए तक बन जाता है।

व्यावसायिक दर से संपत्तिकर वसूलने के बाद नगर निगम अब इसी दुकान का प्रतिवर्ग फीट चार रुपए से छह रुपए की दर से व्यवसायिक शुल्क वसूल लेता है। यानी एक ही मामले में निगम दो बार अलग-अलग नाम से टैक्स वसूल रहा है।
नगर निगम अधिनियम में सभी टैक्स और शुल्क को लेकर स्पष्ट प्रावधान है, उसके अनुसार ही दर तय है। शासन के आदेश से ही सबकुछ किया जाता है। वहां से जैसा आदेश होगा, करेंगे।
-पवन कुमार सिंह, अपर आयुक्त राजस्व


एम्स के पास अल्कापुरी में भी मिलेगी भवन अनुज्ञा-
भोपाल. एम्स के पास अल्कापुरी कॉलोनी में बीते चार साल से बंद भवन अनुज्ञा देने की मंजूरी शुक्रवार को हो गई। यहां तय जमीन से अधिक पर निर्माण ले आउट पास कराने को लेकर लोकायुक्त में मामला दर्ज था, जिसके बाद यहां की सभी अनुमतियां बंद कर दी गई थी।
शुक्रवार को निगमायुक्त केवीएस चौधरी ने अनुमतियां फिर से जारी करने को लेकर अपनी मंजूरी दे दी। अब निगम की भवन अनुज्ञा शाखा यहां की डिटेल ऑनलाइन अपडेट करने की प्रक्रिया शुरू करेगी। इसमें भी अगस्त के आखिर तक ऑनलाइन अनुमतियों की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। यहां विवादित 38 प्लॉट को छोड़कर बाकी पर अनुमतियां हो सकेंगी। अभी करीब 200 प्लॉट यहां हैं, जिन्हें निर्माण की अनुमति नहीं मिल रही थी।
निर्माण अनुमतियों के साथ कंपाउंडिंग भी ऑनलाइन शुरू हो जाएगी। गौरतलब है कि अल्कापुरी शहर की बड़ी कॉलोनियों में शामिल है और निर्माण अनुमति नहीं मिलने से कई जनसुविधा से जुड़े निर्माण और आवासीय के साथ व्यवसायिक निर्माण रुके हुए थे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो