भोपाल

सड़कों की जगह पर खड़े हैं दुकान और मकान

मास्टर प्लान का प्लानिंग एरिया गायब… – टीएनसीपी लेआउट प्लानिंग प्रोसेस पर सवाल, संशोधन के लिए नहीं मिल रहीं जमीनें

भोपालJan 04, 2018 / 11:13 am

pankaj shrivastava

master plan

भोपाल। मास्टर प्लान के नए मसौदे में नया प्लानिंग एरिया शामिल करने की कवायद में सिटी डेवलपमेंट आड़े आ रहा है। सरकार जल्द ही भोपाल शहर का मास्टर प्लान लागू करने की तैयारी में है। इसमें इस बार एेसे क्षेत्रों को भी जोड़ा जाना है, जो अब तक नक्शे से बाहर थे। मौका मुआयना में पता चला कि टीएंडसीपी ने जिन इलाकों से राजमार्ग, स्टेट हाइवे, कॉलोनी जोडऩे वाली सड़कें बनाने की योजना बनाई थी, वहां पहले से बिल्डिंग प्रोजेक्ट्स खड़े हैं। पुराने प्लानिंग एरिया के ज्यादातर इलाकों में भी यही हाल हैं। सांसद एवं संभागायुक्त की अध्यक्षता वाली समिति के सामने टीएंडसीपी ने इन तथ्यों को पेशकर दोबारा नक्शों में फेरबदल की अनुमति मांगी है। अनुमतियां जारी करने से पहले संभागायुक्त अजातशत्रु श्रीवास्तव ने प्रभावित इलाकों का दौरा कर कार्रवाई से प्रभावित इलाकों का दौरा किया और टीएंडसीपी के अधिकारियों से जानकारियां लीं।
नए प्लानिंग एरिया में कंस्ट्रक्शन

मास्टर प्लान की अनुपस्थिति में टीएंडसीपी फिलहाल 2005 के मास्टर प्लान को आधार मानकर कार्रवाई कर रहा है। 10 साल पुराने इस मसौदे में शहर की हद होशंगाबाद रोड पर ग्राम भैरवपुर और बैरागढ़ इंदौर रोड पर ग्राम बकानिया तक है। इन 10 सालों में शहर की आबादी तेजी से बढ़ी है और बिल्डिंग प्रोजेक्ट अब भैरवपुर से आगे समरधा और इंदौर रोड पर चिरायु अस्पताल के आगे तक पहुंच गए हैं। क्योंकि, ये इलाके नए मसौदे में प्लानिंग एरिया में शामिल किए जाने हैं, इसलिए अब यहां जमीनें चिन्हिंत करने में तकनीकी दिक्कतें आएंगी।
– ये इलाके सर्वाधिक प्रभावित

कोलार, कटारा हिल्स, नीलबड़, रातीबड़, भौंरी, अयोध्या बायपास, 11 मील, मिसरोद के इलाकों पर सबसे ज्यादा असर पडऩे की संभावना है। वर्ष 2014 के बाद इन इलाकों का नगर निगम में विलय हुआ था। ज्यादातर बिल्डिंग प्रोजेक्ट पंचायतों की अनुमति पर चल रहे हैं। नगर निगम एक बार इन बिल्डिंग परमिशन को निरस्त करने का प्रयास कर चुका है लेकिन बिल्डर लॉबी के दबाव में कार्रवाई टल गई थी।

 

अभी इस मामले में कोई निर्णय नहीं हुआ है। समिति के निर्देश के बाद ही नए क्षेत्रों को नक्शे में शामिल किया जाएगा। एसके मुद्गल, संयुक्त संचालक, टीएनसीपी

 
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