इस बैठक में पुलिस अफसरों ने बताया कि प्रदेश में अब तक 44 चिटफंड कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। बैठक में मनी लॉड्रिंग और टैक्स चोरी में लिप्त 9 कम्पनियों पर की गई कार्यवाही के संबंध में भी पुलिस अफसरों ने जानकारी दी।
प्रमुख सचिव गृह एसएन मिश्रा ने कहा है कि जनता से अवैध रूप से धन संग्रहण करने तथा उनके जमा एवं समय पूरा होने पर पैसों का भुगतान नहीं करने जैसी गतिविधियों में लिप्त कम्पनियों की गतिविधियों पर थाना प्रभारी तथा पुलिस अधीक्षक अपने स्तर पर निगरानी रखें ।
इन कम्पनियों और समितियों से संबंधित शिकायत आने पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करें। पुलिस अधीक्षक अपने क्षेत्र में संचालित हो रही कंपनियों की गतिविधियों पर नजर रखें, इनके संबंध में स्थानीय अधिकारी से पूछताछ करते रहें।
प्रमुख सचिव मिश्रा ने कहा कि आम जनता से निवेश प्राप्त करने के लिए अधिकृत वित्त कम्पनियों तथा वित्तीय संस्थाओं की जानकारी का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, जिससे जनता और गरीब लोग फर्जी कंपनियों के लुभावने और आकर्षक विज्ञापनों के जाल में न फंसे। ये कंपनियां लोगों के जीवन भर की जमा पूंजी दोगुना करने के नाम पर धोखाधड़ी कर रही हैं।
जन-सामान्य को अनाधिकृत संस्थाओं के संबंध में जागरूक करने के लिए स्थानीय सामाजिक संगठनों की भी मदद ली जाए। बैठक में रिर्जव बैंक ऑफ इण्डिया, सीआईडी और स्थानीय पुलिस के बीच बेहतर समन्वय तथा जानकारियों के आदान-प्रदान के लिए माह में एक बार बैठक करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में बताया गया कि अवैध कम्पनियों एवं संस्थाओं के संबंध में जागरूकता के लिए मंडी बोर्ड में दर्ज किसानों को एसएमएस के माध्यम से आवश्यक जानकारी दी जा रही है। अवैध रूप से धन-संग्रह तथा जमा एवं परिपक्वता राशि का भुगतान नहीं करने वाली 44 संस्थाओं पर एफआईआर दर्ज की जा चुकी है।
बैठक में मनी लॉड्रिंग और कर अपवंचन में लिप्त 9 कम्पनियों पर की गई कार्यवाही के संबंध में भी जानकारी प्रस्तुत की गई। बैठक में प्रमुख सचिव वित्त मनोज गोविल सहित भारतीय रिर्जव बैंक, सीआईडी., गृह विभाग और संस्थागत वित्त के अधिकारी उपस्थित थे।