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मातृशक्ति के प्रयासों से धरातल पर उतरे विभिन्न ईको फ्रेंडली सामान

locationभोपालPublished: Mar 02, 2019 10:21:08 am

सैकड़ों जरूरतमंद महिलाओं/युवतियों को प्रशिक्षण देकर किया तैयार

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मातृशक्ति के प्रयासों से धरातल पर उतरे विभिन्न ईको फ्रेंडली सामान


भोपाल. मातृशक्ति नए-नए तरीकों से सृजन कर उन्नति की राहें तैयार करती रहती है। राजधानी में प्रतिष्ठित परिवार की महिलाओं ने पर्यावरण संरक्षण के साथ जरूरतमंद महिलाओं और युवतियों को काम का प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाया है। इसके साथ सामाजिक सरोकार के अन्य कार्यों के जरिए लोगों की मदद भी कर रही हैं। इससे कई बेरोजगार महिलाओं को रोजगार मिला है और उनकी आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है।

राजधानी के नेहरू नगर में स्थापित शगुन संपदा संस्था की संस्थापक व चेयरपर्सन श्रद्धा करम्बेलकर ने वर्ष 2009 में जरूरतमंद महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिहाज से ईको फ्रेंडली आइटम्स बनाने का प्रशिक्षण देना शुरू किया। प्रारंभिक चरण में मिट्टी के दीये, रंगोली व जूट के बैग आदि कुछ आइटम्स बनाने शुरू किए। धीरे-धीरे अनाड़ी हाथों का शिल्प निखरता गया और इसमें होम डेकोर, वेडिंग, पूजा आदि के तमाम बेहतरीन आइटम्स की श्रृंखला जुड़ती गई। आज शगुन संपदा सौ से भी अधिक महिलाओं को ईको फ्रेंडली आइटम्स बनाने में एक्सपर्ट बना चुकी हैं।
श्रद्धा का कहना है कि उन्हें इन कार्यों की प्रेरणा अपने पिता केवी काले से मिली। इसके बाद पति प्रदीप करम्बेलकर ने हर स्तर पर उन्हें पूरा सपोर्ट दिया और सृजन के कार्य को आगे बढ़ाया।
अन्य सामाजिक कार्य भी

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श्रद्धा पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक सरोकारों के काम में कई अन्य संस्थाओं को सहयोग करती हैं। वे लॉयन्स क्लब, सीआईआई आदि कई सामाजिक व व्यापारिक संगठनों से भी जुड़ी हैं। पौधरोपण, स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य, भोजन वितरण आदि कई कार्यों में बढ़-चढ़कर सहभागिता कर रही हैं।

सैकड़ों महिलाएं जुटीं गणगौर की तैयारी में
श्रद्धा के साथ इस समय शहर के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाएं गिफ्ट आइटम्स बनाने में जुटी हुई हैं। उनके पास गणगौर त्योहार का सामान बनाने के लिए बड़ी संख्या में ऑर्डर हैं। शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में कई महिलाएं इस काम में लगी हुई हैं। ये महिलाएं अपने कामकाज निपटाने के बाद स्पेशल गिफ्ट आइटम बनाने में लग जाती हैं, जिससे उनका समय भी अच्छा बीतता है और क्रिएटिव सीखने को भी मिलता है।
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