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गोविंदा आला रे…कान्हा के रंग में रंगा शहर, बधाई गीत गाकर नंदलाला का स्वागत

locationभोपालPublished: Sep 04, 2018 10:21:15 am

Submitted by:

Bhalendra Malhotra

दिन में कई स्थानों से निकली शोभायात्राएं, एक हजार बच्चों ने कृष्ण के वेष में शामिल होकर निकाली शोभायात्रा

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गोविंदा आला रे…कान्हा के रंग में रंगा शहर, बधाई गीत गाकर नंदलाला का स्वागत

भोपाल. पूरे शहर में सुबह से ही श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्साह नजर आया। नंद के आनंद भयो जय कन्हैयालाल, गोविंदा आला रे के जयकारों के साथ शहर में अनेक स्थानों पर शोभायात्राएं निकाली गईं। शोभायात्राओं में नन्हे बच्चे श्रीकृष्ण के वेष में नजर आए। शाम से मंदिरों में भी कृष्ण जन्मोत्सव के लिए आयोजन शुरू हुए।

कहीं भजन संध्या, कहीं मटकी फोड़, जागरण, तो कहीं सांस्कृतिक आयोजनों का सिलसिला चलता रहा। मंदिरों के पट मध्यरात्रि के बाद तक खुले रहे, मंदिरों में मथुरा, वृंदावन, नाथद्वारा से लाई गई विशेष पोशाक भगवान को पहनाई गई और विशेष शृंगार किया गया। घड़ी की तीनों सुइयों ने सोमवार और मंगलवार की मध्यरात्रि में जैसे ही बारह का आकड़ा छुआ, पूरा शहर कृष्ण भक्ति के रंग में रंग गया। जन्म आरती के बाद बधाई गीत हुए और पंजीरी का प्रसाद वितरित किया गया।

सीएम ने राधाकृष्ण मंदिर पहुंचकर की पूजा अर्चना
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बरखेड़ी अहिरपुरा स्थित यादव समाज के मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना और आरती की। इस मौके पर उनके साथ साधना सिंह भी थी। इस मौके पर उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए संक्षिप्त उद्बोधन में सभी को जन्माष्टमी की शुभकामना दी और कहा कि जब-जब धर्म की हानि होती है, तब भगवान का अवतार होता है। इस मप्र की धरती पर भी भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद बरसे और सब पर कृपा बनी रहे हम ऐसी कामना करते हैं।

इस मौके पर सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, विधायक सुरेंद्रनाथ सिंह भी उपस्थित थे। इसके पहले पूर्व महापौर कृष्णा गौर भी आयोजन में शामिल होने के लिए पहुंची थी। सभा के बाद यहां से आकर्षक चल समारोह निकाला गया। इजिसमें बग्गियां, राधा कृष्ण सहित विभिन्न प्रसंगों पर झांकियां, घोड़े, बैंड आदि शामिल थे, साथ ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।

शोभायात्रा निकली, 21 चौराहों पर फोड़ी मटकी
हरिहर महोत्सव समिति की ओर से श्रीजी मन्दिर लखेरापुरा से श्री जी की शोभायात्रा निकाली गई।शुभारंभ तिलक उत्सव और आरती के साथ हुआ। इसमें कृष्ण लीला पर आधारित झांकियां, लोक आदिवासी नृत्य मंडलियां आदि शामिल थी। शोभायात्रा मार्ग में मथुरा वृंदावन की तर्ज पर आकर्षक साज सज्जा की गई थी। प्रमुख मार्गों में 21 स्थानों पर दही हांडी और दूध की मटकी बांधी गई थी, जिसे ग्वाल बालों द्वारा फोड़ा गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल थे।

मंदिरों में उत्सवी माहौल
जन्माष्टमी पर शहर के मंदिरों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। शाम से रात्रि तक मंदिरों में भजन संध्या, जागरण सहित अनेक आयोजन हुए, इसी प्रकार मध्यरात्रि में शहर के सभी मंदिरों में जन्मआरती हुई और पंजीरी का प्रसाद वितरित किया गया। बिड़ला मंदिर में शाम से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रही, और मंदिर रात्रि 1 बजे तक खुला रहा। यहां भजन संध्या का आयोजन हुआ।

इसी तरह शिवाजी नगर स्थित श्रीकृष्ण प्रणामी मंदिर में भी शाम से मध्यरात्रि तक धार्मिक आयोजनों का सिलसिला चलता रहा। इसके अलावा इस्कॉन मंदिर जेके रोड, श्रीजी मंदिर लखेरापुरा, नेवरी चित्रगुप्तधाम स्थित राधाकृष्ण मंदिर, तलैया स्थित बांके बिहारी मंदिर, बांके बिहारी मंदिर मारवाड़ी रोड, गुफा मंदिर, दादाजी धाम मंदिर, दुर्गाधाम मंदिर अशोक विहार सहित शहर के अन्य मंदिरों में भी धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के साथ मध्यरात्रि में जन्म आरती, बधाई गीत और प्रसाद वितरण हुआ।

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