छूकर मेरे मन को…
तबले पर उनका साथ दिल्ली की ही प्रिया तिवारी ने संगत दी। कार्यक्रम दोपहर-1 बजे से शुरू होना था, हालांकि ये करीब 2.05 मिनट पर शुरू हुआ, जो सवा तीन बजे तक चला। प्रस्तुति की शुरुआत करते हुए श्रुति और गौरी ने गांधीजी का प्रिय भजन वैष्णव जन तो… पेश किया। इसके बाद इंग्लिश सॉन्ग रोलिंग स्टोन – स्टार्ट मी अप… सुनाया। अगली कड़ी में उन्होंने राग शुद्ध सारंग पेश कर अपनी रियाज और घराने की परंपराओं से नमुदार कराया। कार्यक्रम को विस्तार देते हुए मिले सुर मेरा तुम्हारा पर… जुलगबंदी पेश की तो बुम्हरो-बुम्हरो… गीत पेशकर माहौल में शास्त्रीयता के मीठे रस घोल दिए। इसके बाद उन्होंने चुपके-चुपके रात दिन, इंग्लिश सॉन्ग कैंडल इन द वाइंड, राग खमाज में ठुमरी, भर दो झोली मेरी…, आज राधा बृज को खेली, सत्य, शिवम, सुंदरं, राग मधुवंति, पिया तोसे नैना लागे रे, मेरा गीत अमर कर दो, आफरिन-आफरिन जैसे गीतों पर संगीत पेश किया। छूकर मेरे मन को… गीत से अपनी प्रस्तुति को विराम दिया।
कलाकारों में होता है सरस्वती का वास
कलाकारों ने जब प्रधानमंत्री मोदी का झुककर अभिवादन किया तो मोदी ने कहा कि कलाकारों ने मां सरस्वती का वास होता है। मैं कलाकारों का सम्मान करता हूं, इसलिए आप मेरे सामने झुके नहीं। वहीं, ट्रम्प ने शास्त्रीय संगीत की तारीफ करते हुए कलाकारों से हाथ मिलाते हुए कहा कि भारतीय शास्त्रीय संगीत दिल को छू गया। उन्होंने कलाकारों के वाद्ययंत्र भी देखे।