मंगलवार को हमीदिया अस्पताल में यह नजारे देखने को मिले। गांधी मेडिकल कॉलेज से संबद्ध हमीदिया और सुल्तानिया अस्पतालों में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण मंगलवार को स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गईं। जो मरीज पहुंचे उन्हें भी इलाज की जगह गार्डों की दुत्कार मिली। वहीं हड़ताली जूडा प्रदर्शन करने के साथ अपनी सेल्फी लेते हुए दिखे।
हमीदिया अस्पताल में आमतौर पर ओपीडी में मरीजों की संख्या 2 हजार के करीब रहती है लेकिन हड़ताल के कारण मंगलवार को सिर्फ 1164 मरीज पहुंचे। सुल्तानिया में भी 400 की बजाय केवल 212 मरीज पहुंचे। हमीदिया में 30 ऑपरेशन भी टाल दिए गए। विभिन्न वार्डों में भर्ती मरीजों की खबर लेने वाला भी कोई नहीं था।
बारिश के बीच मरीजों को गार्डों ने खदेड़ा बारिश में भी मजबूरी में कई मरीज इलाज की आस में हमीदिया अस्पताल पहुंचे। उन्हें इलाज तो नहीं मिला लेकिन गार्डों की दुत्कार जरूर मिली। मंगलवार को जब तेज बारिश से बचने मरीज अस्पताल की नई बिल्डिंग के शेड में छिपने लगे तो सुरक्षाकर्मियों ने मरीजों को धक्के देकर वहां से भगा दिया। इसके अलावा अस्पताल की बिल्डिंग में भी मरीजों के अटेंडरों को गार्ड बाहर करते रहे। इसको लेकर कई बार अटेंडर और गार्डों के बीच झड़प हुई।
नहीं हुए ऑपरेशन, जांचें भी हुई कम
हड़ताल के दूसरे दिन भी हमीदिया अस्पताल में 30 से ज्यादा ऑपरेशन टालना पड़े। क्योंकि सर्जरी और ऑर्थोपेडिक विभागों में स्टाफ ही नहीं है। इसलिए केवल अति गंभीर मरीजों के ही ऑपरेशन किए गए। ओपीडी में जूनियर डॉक्टरों के न होने से सीनियर कंसल्टेंट भी मरीजों को प्रिस्क्रिप्शन पूरा नहीं लिख रहे हैं। इससे जांचें भी बहुत कम हुई। आम दिनों में हमीदिया में 30 से ज्यादा सीटी स्कैन जांच होती हैं लेकिन सोमवार-मंगलवार को कुल 25 जांच हो पाई हैं। एमआरआई भी 15 की बजाय केवल 5 हुई।
स्वशासी वाले कर्मचारी खत्म करेंगे हड़ताल जूडा के साथ गांधी मेडिकल कॉलेज स्वशासी समिति के कर्मचारी भी हड़ताल पर हैं। इनमें नर्सेस, रेडियोग्राफर, लैब टैक्नीशियन, फार्मासिस्ट शामिल हैं। सबने मिलकर संयुक्त मोर्चा बनाया था। इसी के बैनर तले हड़ताल की गई थी। सातवां वेतनमान और समयमान वेतनमान की मांग को लेकर पैरा मेडिकल स्टाफ हड़ताल कर रहा है। मंगलवार को संभागायुक्त कवीन्द्र कियावत के साथ हुई मीटिंग के बाद कर्मचारियों ने हड़ताल वापस लेने का निर्णय लिया था। लेकिन शाम तक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई।
अस्पताल में सीनियर कंसल्टेंट मरीजों का इलाज कर रहे हैं। वार्डों में भी स्टाफ की व्यवस्था की गई है। कोशिश की जा रही है कि मरीजों को परेशानी नहीं हो। हड़ताल भी जल्द खत्म होने की उम्मीद है।
– डॉ. एके श्रीवास्तव, अधीक्षक हमीदिया अस्पताल
मरीजों की सेहत सबसे पहले है। कोई इससे हट नहीं सकता। हमने जूनियर डॉक्टर्स को पर्याप्त समय दिया अगर अब भी नहीं मानते हैं तो कड़ी कार्रवाई होगी। – कवीन्द्र कियावत, संभागायुक्त भोपाल