हालांकि अभी एसआईटी के सदस्यों के नाम फाइनल नहीं हुए हैं। एसआईटी से इस मामले की जांच करवाने को लेकर कोर्ट में एक याचिका भी दाखिल की गई थी। अब एसआईटी का गठन पुलिस मुख्यालय का बड़ा फैसला माना जा रहा है। क्योंकि इस मामले में कई सफेदपोशों के बेनकाब होने की संभावना है। स्थानीय पुलिस पर इस केस को लेकर काफी दबाव है। गिरफ्तार महिलाओं के अप्रोच कई रसूखदारों तक हैं।
ये है मामला
दरअसल, इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह गिरफ्तार महिलाओं के खिलाफ पलसिया थाने में ब्लैकमेलिंग का मामला दर्ज करवाया था। जिसमें इंजीनियर ने कहा था कि ये वीडियो के जरिए ब्लैकमेल कर रही है। उसके बाद एटीएस की टीम ने कार्रवाई करते हुए इंदौर से दो आरती दयाल और मोनिका यादव को गिरफ्तार किया था। उसके बाद भोपाल से तीन महिलाओं की गिरफ्तारी हुई थी।
दरअसल, इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह गिरफ्तार महिलाओं के खिलाफ पलसिया थाने में ब्लैकमेलिंग का मामला दर्ज करवाया था। जिसमें इंजीनियर ने कहा था कि ये वीडियो के जरिए ब्लैकमेल कर रही है। उसके बाद एटीएस की टीम ने कार्रवाई करते हुए इंदौर से दो आरती दयाल और मोनिका यादव को गिरफ्तार किया था। उसके बाद भोपाल से तीन महिलाओं की गिरफ्तारी हुई थी।