scriptजिले में छह ब्लैक स्पॉट जहां 44 लोग गंवा चुके हैं अपनी जान | Six black spots in the district where 44 people have lost their lives | Patrika News

जिले में छह ब्लैक स्पॉट जहां 44 लोग गंवा चुके हैं अपनी जान

locationभोपालPublished: May 09, 2023 07:46:41 pm

जिले में हर साल सड़क हादसों में तीन से चार सैकड़ा लोग अपनी जान गंवा देते हैं, लेकिन इसके बाद भी हादसों में कोई कमी नहीं आती। ज्यादातर सड़क हादसों के लिए ब्लैक स्पॉट जिम्मेदार होते हैं।

पंखा जोड़ पर लगातार हादसों के बाद बनाया जा रहा फ्लाई ओवर

Fly over being built after frequent accidents at fan joint

बैतूल। जिले में हर साल सड़क हादसों में तीन से चार सैकड़ा लोग अपनी जान गंवा देते हैं, लेकिन इसके बाद भी हादसों में कोई कमी नहीं आती। ज्यादातर सड़क हादसों के लिए ब्लैक स्पॉट जिम्मेदार होते हैं। बीते एक-दो सालों के दौरान जिले के छह स्थानों पर 44 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। जिसके बाद यातायात पुलिस ने इन स्थानों को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित किया है। इन ब्लैक स्पॉट पर सुरक्षा के प्रबंध किए जाने का दावा किया जाता है। ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए जाने के बाद भी हादसों में कोई कमी नहीं आ रही है।
पंखा में हादसों के बाद 39 करोड़ में फ्लाई ओवर ब्रिज बना रही कंपनी
फोरलेन पर पंखा के पास आए दिन होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के कारण इसे ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित किया गया था, लेकिन इसके बाद भी हादसों में कोई कमी नहीं आ रही थी। जिसके बाद स्थानीय लोगों की मांग पर ओरिएंटल कंपनी यहां 39 करोड़ की लागत से 900 मीटर लंबा फ्लाई ओवर ब्रिज बनाने का काम शुरू किया है। फ्लाई ओवर निर्माण के लिए कंपनी ने आमला-पंखा जोड़ पर कांक्रीट उखाडऩे का काम भी शुरू कर दिया है। इसके लिए फोरलेन की सड़क को डायवर्ट किया गया है। जिसके कारण वाहनों की आवाजाही एप्रोच रोड से हो रही है। फ्लाई ओवर के निर्माण में करीब 15 महीने का समय लगेगा।
यह है वह स्थान जिन्हें ब्लैक स्पॉट बनाया गया है
1. झल्लार में परवाड़ा मार्ग पर पानी की टंकी के पास ब्लैक स्पॉट बनाया गया है। वर्ष 2022 में यहां 11 लोगों की हादसे में मौत हुई थी।
2. सांईखेड़ा में थाने से 15 किमी दूर ग्राम माढानीढाना के पास ब्लैक स्पॉट चिन्हित किया गया है। यहां भी सड़क हादसे में 9 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
3. आठनेर के मांडवी जोड़ पर ब्लैक स्पॉट बनाया गय है। यहां अक्सर हादसे होते हैं। इस जगह पर बीते एक साल में 4 लोग हादसों में मारे जा चुके हैं।
4.शाहपुर में बरेठा घाट सेक्शन को भी ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित किया गया है। यहां भी सड़क हादसे में 6 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
5. रानीपुर में आमढाना जोड़ पर ब्लैक स्पॉट बनाया गया हैं। यहां बीते एक साल में 9 लोगों की सड़क हादसों में जान चली गई है।
6. रानीपुर के पास ही चोरपांडरा तिराहे को ब्लैक स्पॉट के रूप में चुना गया है। यहां विगत एक वर्ष में हुए हादसों में 9 लोगों की जाने जा चुकी है।
ये हैं हादसों की मुख्य वजह
1. अंधे मोड़, तिराहे, चौराहे पर संकेतक न होना।
2. तेज रफ्तार एवं नशे की हालत में गाड़ी चलाने की वजह से हादसों में इजाफा होना।
3. दोपहिया वाहन चलाने के दौरान हेलमेट का इस्तेमाल नहीं किया जाना।
4. सड़क की बनावट एवं डिजाइन में दिक्कतें होना।
5. वाहन चलाते वक्त यातायात नियमों का पालन नहीं किया जाना।
इन आधरों पर तय होते हैं ब्लैक स्पॉट
1. जहां बार-बार दुर्घटनाएं हो रही है। इनमें घायलों और मृतकों की संख्या अधिक हो।
2. ऐसे स्पॉट व रोड या टर्न जिसे बनाने में कोई तकनीकी चूक हुई हो जिसकी वजह से दुर्घटनाएं हो रही हो।
3. इसके अलावा अन्य कारण भी देखे जाते हैं। जैसे संबंधित मार्ग पर वाहनों का दबाव, स्पीड की स्थिति या फिर वहां से ज्यादा शराबी तो नहीं गुजरते आदि।
इनका कहना
– बड़े सड़क हादसों के देखते हुए यातायात पुलिस ने जिले के छह स्थानों पर ब्लैक स्पॉट घोषित किए हैं। इन स्थानों पर यातायात के सुरक्षा की दृष्टि से सभी इंतजाम किए जा रहे हैं। ताकि सड़क हादसों में कमी लाई जा सके।
-सरविंद धुर्वे, टीआई यातायात पुलिस बैतूल।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो