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MP में महिलाओं के लिए बनेंगे 6 सेफ सिटी, जानिये कौन से हैं ये शहर ?

locationभोपालPublished: Nov 10, 2017 09:25:40 am

सीएम बोले: कोचिंग का समय बदलने की जरूरत नहीं,माहौल ऐसा बनाओ कि रात को भी बेखौफ निकल सकें महिलाएं।

safe city for woman in mp
राजदेव पांडे@भोपाल।
दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं से चिंतित प्रदेश सरकार महिलाओं के लिए सेफ सिटी बनाने के ब्लूप्रिंट पर काम कर रही है। शुरुआत में छह शहरों- भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, बुरहानपुर और छतरपुऱ को लैंगिक हिंसा, यौन उत्पीडऩ और महिला हिंसा के लिहाज से सेफ सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। फिर अन्य शहरों में लागू किया जाएगा।
हर तरह की महिला हिंसा को रोकने के लिए सुझाव देने सरकार ने एक स्टीयरिंग कमेटी गठित की है। कमेटी के अध्यक्ष अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह केके सिंह होंगे। अन्य विभागों के प्रमुख सचिव इसके सदस्य होंगे।
समन्वयक की भूमिका में महिला बाल विकास विभाग के आयुक्त होंगे। ये कमेटी जल्दी ही शासन को रिपोर्ट सौंपने जा रही है।

कुछ इस तरह होगी सेफ सिटी…
शहर के वे स्थान चिन्हित होंगे, जहां यौन उत्पीडऩ की आशंका है।
यौन उत्पीडऩ रोकने जरूरी उपाय भी किए जाएंगे।
वार्ड स्तर पर यूथविंग और सिविल सोसायटी इस पर निगरानी रखेंगे।
यूथ ग्र्रुप्स के संबंधित वार्ड या इलाके में टोल फ्री नम्बर भी दिए जा सकेंगे।
(महिला सशक्तिकरण के संयुक्त निदेशक सुरेश तोमर ने बताया)
इधर सीएम ने कोचिंग क्लास के समय संबंधी आदेश बदला:
स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी द्वारा छात्राओं की कोचिंग क्लास को रात 8 बजे तक बंद करने के दो दिन पुराने आदेश को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को पलट दिया। सीएम बोले, कोचिंग का समय बदलने की जरूरत नहीं। इसकी बजाय राज्य में ऐसा माहौल बनाने की आवश्यकता है कि महिलाएं-बेटियां रात में भी बेखौफ होकर कहीं आ जा सकें। उन्होंने कन्या विद्यालय व छात्रावास के पास स्थित शराब दुकानें बंद करने को कहा है।
महिला अपराध रोकथाम की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में सीएम ने कहा, महिलाओं के लिए सुरक्षित ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था हो। वाहनों में जीपीएस, कैमरे लगवाए जाएं। पेट्रोलिंग की भी प्रभावी रणनीति बनाई जाए, ताकि महिलाएं सुरक्षित रहें।
आधे विधायकों के कामकाज से सीएम नाखुश :
भाजपा विधायकों के साथ सीएम शिवराज ङ्क्षसह चौहान के वन-टू-वन का सिलसिला दूसरे दिन गुरुवार को भी जारी रहा। सीएम ने मालवा-निमाड़ के 15 विधायकों के साथ चर्चा की। सूत्रों के मुताबिक सीएम ने आधे विधायकों के कामकाज पर असंतोष जताते हुए छह माह में सारे अधूरे काम पूरे करने की हिदायत दी है।
भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ तालमेल की कमी पर सीएम ने यहां विधायकों से यहां तक पूछ लिया कि अगर समन्वय बना हुआ है तो फिर शिकायतें भोपाल तक कैसे पहुंच जाती है। दो दिनों में मुख्यमंत्री ने 52 विधायकों के साथ वन-टू-वन किया है और इनमें से कई की परफॉर्मेेंस से नाखुश होकर टिकट काटने के संकेत भी दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक कुछ विधायकों से मुख्यमंत्री ने पूछा कि किसान आंदोलन के समय जो हालात थे, अब क्या स्थिति है।
भावांतर को लेकर सीएम ने विधायकों को साफ कहा कि वो क्षेत्र में किसानों और व्यपारियों को इस योजना के फायदे बताएं। कुछ विधायकों की निष्क्रियता, विवादित छवि और बयानबाजी पर भी नाराजगी जताई।
असंतुष्ट नेताओं को साधने की सलाह
सूत्रों के मुताबिक अगले चुनाव में भाजपा के लिए हर जगह अपनी ही पार्टी के असंतुष्ट समस्या खड़ी कर सकते हैं। ऐसे में वन-टू-वन में सलाह दी जा रही है, कि असंतुष्टों को साध कर चले। उनसे मिले, उनके काम करें। असंतोष को बढऩे ना दें।
यह हैं मुख्य बिंदू
1. अब तक कितना काम किया, अधूरे काम कौन कौन से हैं।
2. क्षेत्र में जनता और भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ तालमेल कैसा है।
3. विधायक की प्रॉपर्टी में कितना अंतर आया है पिछले चार साल में
4. कितनी शिकायतें हैं।
5. क्षेत्र में क्या समस्या है, बड़े मुद्दे क्या-क्या हैं।
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