भोपाल

भोपाल में स्मार्ट एड्रेस सिस्टम से आपके मोबाइल पर आ जाएगा कोई भी पता

यह कमाल होगा स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के प्रोजेक्ट ‘यूनिक स्मार्ट एड्रेस सॉल्यूशन फॉर अर्बन प्रॉपर्टी सिस्टम’ से।
 

भोपालSep 16, 2018 / 01:11 am

Bharat pandey

Smart address system in Bhopal on your mobile

भोपाल। 20 लाख की आबादी वाले शहर में घर या दुकान का पता बताने के लिए अब आपको इसके आगे… उसके पीछे…जैसे उलझन पैदा करने वाले शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना पड़ेगा। सिर्फ एक बार-कोड नंबर बताना होगा। यह कमाल होगा स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के प्रोजेक्ट ‘यूनिक स्मार्ट एड्रेस सॉल्यूशन फॉर अर्बन प्रॉपर्टी सिस्टम’ से। इसके लिए आधार कार्ड जैसी यूनिक आइडी यानी बारकोड नंबर आवंटित किए जाएंगे।

जीपीएस आधारित एप्लीकेशन पर ये बारकोड नंबर डालते ही संपत्ति मालिक का फोटो, मोबाइल नंबर, पता और पहुंचने का विस्तृत रास्ता स्क्रीन पर नजर आ जाएगा। प्लेटफार्म तैयार करने स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने 5 करोड़ रुपए की लागत का टेंडर जारी किया है। 17 सितंबर को इन कंपनियों की पहली बैठक कॉर्पोरेशन मुख्यालय में बुलाई गई है। आइटी कंपनियों से 26 सितंबर तक टेंडर जमा करने कहा गया है।
ऐसे काम करेगा यूनिक एड्रेस सिस्टम
दिल्ली-मुंबई के बाद भोपाल तीसरा शहर है, जिसमें सिस्टम लागू होगा। आइटी कंपनी शहर के 85 वार्डों में सर्वे करवाकर वर्तमान संपत्ति मालिकों का पूरा ब्यौरा जुटाकर इसे सिस्टम में फीड करेंगी। बारकोड नंबर आवंटित होते ही मोबाइल पर जानकारियां नक्शे सहित उपलब्ध रहेगी। पता बदलने पर कॉर्पोरेशन को सूचना देनी होगी।

गूगल से बेहतर है
गूगल अभी आपको रिश्तेदार या मित्र के घर का पता मय रास्ते के नहीं बता सकता। स्मार्ट सिटी का एप इस खूबी से लैस रहेगा, इसलिए आपको अंजान शहर में पते तक पहुंचने में आसानी होगी।

मुनाफा भी कमाएगा
स्नेपडील, अमेजन, ओला, उबर जैसे सर्विस प्रोवाइडर भी गूगल की मौजूदा सर्विस से संतुष्ट नहीं। स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन सिस्टम का लिंक देकर इन कंपनियों से रेवेन्यू कमाने की तैयारी में है।

 
यूनिक एड्रेस सिस्टम पता तलाशने का लेटेस्ट स्मार्ट तरीका है। बार-कोड रीडर के जरिए तय पते से कचरा कलेक्शन, प्रॉपर्टी टैक्स कलेक्शन जैसे कामों की निगरानी संभव है।
संजय कुमार, सीईओ, स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन
 

इधर, स्मार्टसिटी के खिलाफ 652 शिकायतें, स्मार्ट पार्किंग से लेकर प्लेस मेकिंग तक से आमजन परेशान
भोपाल। आमजन की राहत के नाम पर शुरू किए स्मार्टसिटी के प्रोजेक्ट लोगों को ही अखरने लगे हैं। स्मार्टलाइट्स से लेकर स्मार्टसिटी के एरिया बेस्ड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट और शहर में चल रहे टेक्टिकल अर्बनाइजेशन, प्लेस मेकिंग समेत तमाम काम आमजन की दिक्कत बढ़ा रहे हैं। अब तक निगम प्रशासन के पास 652 शिकायतें पहुंच चुकी हैं। निगमायुक्त ने स्मार्टसिटी प्रबंधन से जुड़े अफसरों और इंजीनियरों को शिकायतों के निराकरण करने और मनमर्जी से काम नहीं करने का कहा है।इस समय स्मार्टसिटी के प्लेस मैकिंग और स्मार्टलाइट का काम लोगों को बेहद परेशान किए हुए हैं। 19 हजार स्मार्टलाइट्स में से 9 हजार लाइट्स बंद है। कोलार रोड जैसे क्षेत्रों में ये लाइट चल भी रही है तो वहां रोशनी कम है और वॉल्टेज की दिक्कत दे रही है। इतना ही नहीं, स्मार्टपोल से इंटरनेट की सुविधा नहीं मिलने की शिकायत भी पहुंची है। न्यू मार्केट में प्लेस मेकिंग के तहत किए काम से व्यापारी असंतुष्ट है और निगम प्रशासन को लिखित शिकायत की है। स्मार्ट पार्र्किंग में ठेका एजेंसी माइंड टेक और सडक़ पर अवैध पार्किंग शुल्क वसूली की शिकायत भी शामिल है। लिंक रोड किनारे प्लेस मेकिंग के नाम पर पूरा हराभरा क्षेत्र खत्म करने और यहां मुरम भरकर बंजर बनाने की शिकायतें भी निगम तक पहुंची है। निगमायुक्त की डपट के बाद स्मार्टसिटी के एसई रामजी अवस्थी ने सभी प्रोजेक्ट्स की समीक्षा कर शिकायतें दूर करने की बात कही है।

 

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