सुभाष नगर आरओबी: प्रभात चौराहे को मैदा मिल से जोडऩे के लिए रेलवे, पीडब्ल्यूडी और प्रायवेट ठेका कंपनी मिलकर इसे तैयार कर रही हैं। एक हिस्सा बनाना बाकी है। मैदा मिल पर रोटरी नहीं बनने से आरओबी चालू नहीं हो पा रहा है। प्रभात चौराहे की तरफ सड़कें पहले से चालू सड़कें भी काफी संकरी हो चुकी हैं। इसके चलते यहां यातायात का काफी दबाव रहता है, जिससे अक्सर जाम लगता है।
सिंगारचोली सिक्सलेन: 256 करोड़ रुपए की लागत से पांच साल से बन रहा ये प्रोजेक्ट एक साल और आगे सरक गया है। एनएचएआई-प्रायवेट ठेका कंपनी मिलकर इस प्रोजेक्ट को बना रही हैं। दाता कॉलोनी ग्रेड सेपरेटर दोबारा बनने की वजह से प्रोजेक्ट लेट हो गया है।
कोलार 80 फीट: कोलार के लिए समानांतरण मार्ग जरूरी है। इसलिए गणपति एनक्लेव के पास से कोलार तक 80 फीट रोड का निर्माण हो सकता है। पीडब्ल्यूडी ने इसके लिए टेंडर जारी करने की कार्रवाई एक साल पहले शुरू की थी। मौके पर काम तक शुरु नहीं हुआ है।
कलियासोत-कटारा: बर्रई-कटारा हिल्स सहित होशंगाबाद रोड को कोलार, शाहपुरा, अरेरा से कनेक्टिविटी देने इस रोड को 50 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाना है। पीडब्ल्यूडी ने टेंडर जारी कर कंपनी से काम वापस ले लिया है। नए सिरे से टेंडर जारी करने की कवायद 3 महीने से अटकी है। यहां बनी हुई सड़क को एक साल से खोदकर छोड़ दिया गया है। इसके तैयार होने से लाखों लोगों को सुविधा होगी।
बाल भवन 80 फीट रोड: लिंक रोड नंबर 1 से मिलेनियम प्लाजा के बगल से निकल रही बुलेवर्ड रोड को जोडऩे बालभवन रोड को 80 फीट रोड़ में तब्दील किया जाना है। पीडब्ल्यूडी ने इस रोड के टेंडर भी जारी नहीं किए हैं।
मिसरोद 10 लेन: 549 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट पर एमपीआरडीसी और ठेका कंपनी तीन साल से काम कर रहे हैं। 11 मील, मंडीदीप, औबेदुल्लागंज में काम बुरी तरह प्रभावित। मिसरोद में अतिक्रमणों से काम बंद है।
पीसी शर्मा, जनसंपर्क मंत्री
भोपाल शहर के सड़क प्रोजेक्ट के लंबित रहने की वजहों की समीक्षा की जाएगी। विभागीय अधिकारियों से रिपोर्ट तैयार करने कह दिया है।
जयवर्धन सिंह, नगरीय प्रशासन मंत्री
तकनीकी वजहों से कई बार टेंडर जारी होने में देर होती है। कई बार वर्क ऑर्डर जारी करने के बाद कंपनी काम नहीं करती इसलिए उसे हटाना पड़ता है। शहर की जो सड़कें अधूरी हैं, वहां जल्दी काम चालू कराने प्रयासरत हैं।
मलय श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव, पीडब्ल्यूडी-एमपीआरडीसी