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मंजूरी की शर्तों की खुलेआम अनदेखी, हर निर्माण की अलग बोरिंग

locationभोपालPublished: Mar 03, 2020 01:22:00 am

स्मार्टसिटी के टीटी नगर एरिया बेस्ड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए भूमिगत जलस्रोत का जमकर दोहन हो रहा है। स्मार्ट हाट से लेकर सिग्रेचर टॉवर, दशहरा मैदान से लेकर अन्य आवासीय प्रोजेक्ट के लिए धड़ल्ले से बोरिंग किए गए

मंजूरी की शर्तों की खुलेआम अनदेखी, हर निर्माण की अलग बोरिंग

मंजूरी की शर्तों की खुलेआम अनदेखी, हर निर्माण की अलग बोरिंग

भोपाल. स्मार्टसिटी के टीटी नगर एरिया बेस्ड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए भूमिगत जलस्रोत का जमकर दोहन हो रहा है। स्मार्ट हाट से लेकर सिग्रेचर टॉवर, दशहरा मैदान से लेकर अन्य आवासीय प्रोजेक्ट के लिए धड़ल्ले से बोरिंग किए गए। अभी करीब 20 बोरिंग हैं। हर निर्माण शुरू होने के साथ ही नया बोरिंग लग जाता है। रोजाना इन बोरिंग से 50 लाख लीटर पानी उलीचा जा रहा है। स्टेट एनवायरमेंट इंपेक्ट असेसमेंट अथॉरिटी ने प्रोजेक्ट के लिए भूगर्भ का पानी उपयोग करने से स्पष्ट मना किया और इसकी मंजूरी शर्त में कहा गया कि बोरिंग की बजाय निगम पानी की व्यवस्था करेगा। निर्माण के लिए नालों का ट्रीटेड पानी या छोटा तालाब और ऐसे ही जलस्रोतों से पानी लेना था। स्मार्टसिटी को इसके लिए यहां लाइन बिछाना थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। हर प्रोजेक्ट के लिए तीन से अधिक बोरिंग किए गए हैं। इसे छुपाने के लिए प्रोजेक्ट की साइट्स पूरी तरह से बंद की जाती है। अंदर जाने की अनुमति तक नहीं दी जा रही। सिग्रेचर टॉवर के प्रोजेक्ट में तो पूरा काम बेसमेंट का ही चल रहा है। यहां तीन बोरिंग हैं। इसमें अंदर भी कोई नहीं झांक सकता। एबीडी के प्रोजेक्ट में क्या चल रहा है, रहवासी तक नहीं जानते। बेहद गुपचुप तरीके से यहां खुदाई और निर्माण हो रहे हैं। हालांकि प्रोजेक्ट से जुड़े इंजीनियर और ठेकेदार इसे सुरक्षा के लिए बता रहे हैं।
इसलिए भूगर्भ के पानी से किया इनकार
भोपाल का भूगर्भ जल स्तर घट रहा है। गर्मी में 700 फीट की गहराई तक बोरिंग में पानी मिलता है। प्रशासन ने बोरिंग प्रतिबंधित किया था। तय हुआ था कि जहां नर्मदा या कोलार का पानी है, वहां बोरिंग बंद होंगे। अब खुद स्मार्टसिटी टीटी नगर में बोरिंग से लाखों लीटर पानी उलीचकर यहां दिक्कत खड़ी करवा रही है।
प्रोजेक्ट की जानकारी से किया इनकार
स्मार्टसिटी में चल रहे प्रोजेक्ट और इनके कामों की स्थिति को स्मार्टसिटी प्रबंधन गोपनीय मानता है। यही वजह है कि यहां रहवासियों द्वारा प्रोजेक्ट पर लगाई एक आरटीआई के जवाब में स्मार्टसिटी प्रबंधन ने जानकारी देने से इंकार कर दिया। अर्बन एक्सपर्ट कमल राठी का कहना है कि टीटी नगर में भूजल लेना अवैध है।
हम इस मामले को दिखवा लेंगे। पानी को लेकर जो नियम हैं उसका पालन किया जाएगा। स्मार्ट सिटी में पानी की समुचित व्यवस्था कराई जाएगी।
ओपी भारद्वाज, प्रभारी इंजीनियर, स्मार्टसिटी

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