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स्मार्ट बिन पर 13 करोड़ फूंक भूले रखरखाव

locationभोपालPublished: Mar 28, 2019 08:47:01 am

कचरा नजर न आए इसके लिए कंटेनर्स हटाकर रखा गया था इन्हें, समन्वय की कमी के कारण बेमानी साबित हो रहा यह स्मार्ट प्रयोग…

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स्मार्ट बिन पर 13 करोड़ फूंक भूले रखरखाव

भोपाल. शहर को स्मार्ट बनाने के चक्कर में बिना प्रॉपर होमवर्क के करोड़ों रुपए लागत के काम कर डाले जाते हैं। यही कारण है कि बिना प्रॉपर प्लानिंग के किए गए काम फेल हो गए। जानकारों का कहना है कि शहर को वास्तव में स्मार्ट बनाने की जगह किसी भी तरह बजट खपाने की जल्दी रहती है।


सड़क पर कचरा या कचरे से भरे कंटेनर्स नजर नहीं आएं, इसके लिए स्मार्ट सिटी ने राजधानी में रियल टाइम कचरा कलेक्शन के लिए स्मार्ट डस्टबिन के प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया था। प्रथम चरण में 40 स्मार्ट बिन लगाई गई थीं। उसके छह महीने बाद शहर में 100 लोकेशंस पर 150 स्मार्ट बिन लगाई गई हैं। आधिकारिक तौर पर बताया गया कि इन स्मार्ट बिन पर लगभग 13.50 करोड़ खर्च किए गए। इस छोटे से स्मार्ट बिन में दो टन कचरा इक_ा करने की क्षमता है।

बताया गया कि अभी शहर में रखीं डस्टबिन में डेढ़ टन कचरा ही इक_ा होता है। ये स्मार्ट बिन धर्मशाला (हिमाचल प्रदेश) में लगे डस्टबिन के समान है। इसमें कचरा डालने का ढक्कन ऊपर से खुलता है। शहर में लगी कुछ स्मार्ट बिन में ढक्कन खोलने का लीवर पांव में लगा है। कुछ स्मार्ट बिन में यह ढक्कन सेंसर से खुलता है।

स्मार्ट बिन के अंदर की निगरानी सेंसर के जरिए स्मार्ट सिटी के दो इंजीनियर्स करते हैं और बाहर की देखरेख का काम वार्ड के सफाई दरोगा और एएचओ का है। लोग कचरा बाहर न डालें और यदि बाहर कचरा है तो उसका हटवाने का काम नगर निगम की स्वच्छता टीम का है। एक वार्ड में तीन स्मार्ट बिन रखे गए हैं। स्मार्ट बिन भरते ही सेंसर से स्मार्ट सिटी टीम को पता चल जाता है और वे जोन्टा की टीम से कचरा खाली करवा कर आदमपुर छावनी डलवाते हैं।

100 लोकेशंस पर 150 स्मार्ट बिन
आधिकारिक रूप से बताया गया कि स्मार्ट सिटी डवलपमेंट कार्पोरेशन ने बेंगलुरू की जोन्टा कंपनी से इस प्रोजेक्ट के लिए पांच वर्ष का करार किया है। पांच वर्ष तक स्मार्ट बिन को साफ करने और रखरखाव की जिम्मेदारी इसी कंपनी की है। इस कंपनी ने शहर की 100 लोकेशंस पर 150 स्मार्ट बिन लगाए हैं। जहां कचरा कम है वहां एक स्मार्ट बिन लगाया गया है और जहां कचरा अधिक निकलता है, वहां दो स्मार्ट बिन एकसाथ लगाए गए हैं।
सुबह 10.20 बजे
बिट्टन मार्केट में मेट्रो वाक बिल्डिंग के सामने दो स्मार्ट बिन लगे हैं। एक स्मार्ट बिन का ढक्कन खुला हुआ था। बताया कि यहां स्मार्ट बिन में कचरा नहीं डाला जाता, बल्कि जला दिया जाता है। बाहर का तमाम कचरा इक_ा कर जलाया जा रहा है। चारों ओर तीव्र बदबू और धुएं का गुबार उठ रहा है।
सुबह 10.25 बजे
अरेरा कॉलोनी स्थित दस नम्बर मार्केट में जस्ट कैजुअल्स के सामने दो स्मार्ट बिन हैं। यहां भी स्मार्ट बिन का ढक्कन खुला हुआ था और काफी कचरा नीचे पड़ा था। आसपास काफी बदबू फैल रही थी। भरे हुए स्मार्ट बिन को खाली नहीं किया गया था।
सुबह 10.33 बजे
श्वेता कॉम्पलेक्स से त्रिलंगा तिराहा मार्ग पर गुलमोहर कॉलोनी में दो स्मार्ट बिन लगे हैं। नियमानुसार इनका ढक्कन खुला नहीं होना चाहिए। यहां ढक्कन भी खुले मिला और बाहर कचरा पड़ा हुआ था। गाय और कुत्ते कचरे पर विचरण कर रहे थे। किसी का कचरा रिक्शा और कार भी पार्क थी। यहां कबाड़े के कारोबारी का काफी कबाड़ भी पड़ा हुआ था।
सुबह 10.42 बजे
शाहपुरा सी सेक्टर बाबा नगर बस्ती के पास दोनों स्मार्ट बिन के ढक्कन लटक रहे थे। आसपास काफी जगह में कचरा फैला हुआ था। स्मार्ट बिन के पीछे थोड़ी दूरी पर कई कंटेनर्स पड़े हुए थे।

कुछ दिन पूर्व बीएमसी, स्मार्ट सिटी और जोन्टा कंपनी की टीमों में समन्वय की दिक्कत के चलते परेशानी आई थी, लेकिन अब समय से स्मार्ट बिन खाली किए जा रहे हैं।
– ऋषभ चौहान, प्रभारी-स्मार्ट बिन, स्मार्ट सिटी

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