दरअसल माइंडटेक कंपनी के साथ मिलकर निगम ने न्यू मार्केट, एमपी नगर, दस नंबर समेत शहर के 58 स्थानों पर सडक़ पर खड़े रहने वाले वाहनों को व्यवस्थित पार्किंग देने की कोशिश की। इसमें निगम ने सिविल वर्क के पैसे खुद खर्च करने की माइंडटेक की शर्त भी मान ली।
अब माइंडटेक कंपनी ने शहर में करीब 20 पार्किंग विकसित कर दी, न्यू मार्केट में मल्टीलेवल भी शुरू हो गई, इसके बाद भी समस्या खत्म नहीं हुई। स्थिति यह है कि स्मार्ट पार्किंग स्थल के भीतर से अधिक वाहन पार्किंग से बाहर खड़े नजर आ रहे हैं। स्मार्ट पार्किंग सिस्टम शुरू होने के बाद भी लोगों को बाजारों में सडक़ पर खड़े वाहनों से दिक्कत हो रही है। अभी भी ट्रैफिक जाम की परेशानी से मुक्ति नहीं मिली है।
ऐसे लगी निगम को डेढ़ करोड़ की चपत
माइंडटेक कंपनी ने अक्टूबर 2017 से शहर की पार्र्किंग से वसूली बंद करा दी। पूरी वसूली माइंडटेक कंपनी ही कर रही है। सिविल वर्क के नाम पर निगम पर डेढ़ करोड़ रुपए का बिल बना दिया। यानी निगम को अक्टूबर 2017 से पार्किंग में एक रुपए की राशि भी नहीं मिली। ये करीब डेढ़ करोड़ रुपए बनती। पूरी राशि माइंडटेक के पास ही गई है।
ठेकेदार मौज में, अफसरों को चिंता नहीं
स्मार्ट पार्किंग कंपनी माइंडटेक की स्थानीय प्रभारी सोनिया पाठक का कहना है कि हमने एक प्रस्ताव निगम, ट्रैफिक पुलिस को दिया है। अब उन्हें ही आगे का काम करना है। निगम के अपर आयुक्त कमल सोलंकी का कहना है कि हम काम शुरू करेंगे।
न्यू मार्केट मल्टीलेवल पार्किंग का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 जून को लोकार्पण किया था। 20 दिन बाद भी नगर निगम से लेकर ट्रैफिक पुलिस व खुद माइंडटेक कंपनी सडक़ पर खड़े वाहनों को पार्क नहीं करा पाई है। पार्किंग में अवैध वसूली अब भी जारी है।
एमपी नगर: दोपहर साढ़े तीन बजे पार्किंग के भीतर 30 वाहन थे, जबकि उसी समय बाहर 150 से अधिक वाहन खड़े हुए थे। बाहर खड़े वाहनों से एक युवक बिना पर्ची दिए चार्ज भी वसूल रहा था।