भोपाल

ईमानदारी से 60 हजार पौधे रोपे तो 200 एकड़ जमीन लगेगी, एबीडी का 60 फीसदी इसमें ही चला जाएगा…

– स्मार्टसिटी में पौधरोपण- मंत्री की अध्यक्षता वाली समिति ने लिया है निर्णय, स्टेट एनवायरमेंट इंपेक्ट असेसमेंट अथॉरिटी ने भी 58 एकड़ पर अलग से ग्रीनरी का कह रखा है, अब तक प्लॉट ही तय नहीं है

भोपालFeb 29, 2020 / 10:49 am

देवेंद्र शर्मा

Plantation : 3 lac plant will be planted in monsoon season in jabalpur

भोपाल. स्मार्टसिटी डेवलपमेंट कारपोरेशन के अधिकारी, मंत्री जयवर्धन सिंह की अध्यक्षता वाली समिति के निर्णय का ईमानदारी से पालन करें तो टीटी नगर एरिया बेस्ड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट की 342 एकड़ जमीन में से 200 एकड़ जमीन पर उन्हें पौधरोपण करना होगा। यानि यहां 60 फीसदी से अधिक ग्रीनरी हो जाएगी।
दरअसल अफसरों ने टीटी नगर से हटाए पेड़ों की एवज में 60 हजार पौधे लगाने का दावा किया है। पौधरोपण तकनीकी के अनुसार यदि एक एकड़ में 300 पौधे भी रोपे जाएं तो स्मार्टसिटी को 200 एकड़ का बड़ा क्षेत्रफल लगेगा।
यदि स्मार्टसिटी डेवलपमेंट अथॉरिटी यहां काटे जा चुके करीब 4000 पेड़ों की भी क्षतिपूर्ति करता है तो उसे चार गुना पौधरोपण की शर्त के अनुसार 16 हजार से अधिक पौधे लगाने होंगे, इसके लिए भी एबीडी में 50 एकड़ जमीन की जरूरत होगी।
हैरत ये है कि अफसरों ने मंत्री, पीएस व इसी स्तर के अन्य अधिकारियों के सामने क्षतिपूर्ति पौधरोपण के बड़े दावे तो कर दिए, लेकिन इन्हें कहां रोपा जाएगा, जगह तय नहीं की है। जिस तरह की स्थिति नजर आ रही है, अब टीटी नगर के काटे हुए पेड़ अफसरों की चिंता बढ़ाते नजर आ रहे हैं।
गौरतलब है कि टीटी नगर के 342 एकड़ क्षेत्रफल में एरिया बेस्ड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट तैयार कर रहा है। यहां 6080 पेड़ों को चिन्हित कर काटना तय किया था। अब तक बुलेवार्ड स्ट्रीट, स्मार्ट हाट बाजार, दशहरा मैदान डेवलपमेंट, आईकॉन टॉवर, सरकारी आवासों का निर्माण, नोड एक व दो का निर्माण समेत इसी तरह के काम करने 4000 के करीब पेड़ काटे जा चुके हैं।
कभी शहर के सबसे हरेभरे और सुव्यवस्थित क्षेत्रों में शामिल टीटी नगर इन पेड़ों से कटने से वीरान और उजड़ा हुआ क्षेत्र बन गया। इसे देखते हुए शहर के जागरूक लोगों ने पेड़ों के कटाई के खिलाफ आवाज बुलंद की, स्मार्टसिटी की पोल खोली तो मंत्री की अध्यक्षता में समिति बनी, जिसके बाद अब 60 हजार पौधे लगाने की बात हुई।
हालांकि क्षतिपूर्ति पौधरोपण पर भी अलग-अलग बात सामने आ रही है। जिला प्रशासन 60 हजार पौधे लगाने की बात कह रहा है तो नगरीय प्रशासन दस हजार पौधों की बात कर रहा है।

पर्यावरणीय मंजूरी में 58 एकड़ ग्रीन लैंड बनाना था, प्लॉट ही तय नहीं
टीटी नगर में एबीडी प्रोजेक्ट के लिए पर्यावरणीय अनुमति की शर्त में एबीडी एरिया में ही 58.14 एकड़ जमीन अलग से ग्रीन बेल्ट तय करना है। हैरानी ये हैँ कि स्मार्टसिटी ने प्रोजेक्ट में करीब 100 प्लॉट तय किए, इनका लैंडयूज भी तय किया, लेकिन ये 58 एकड़ का ग्रीन लैंड नजर नहीं आ रहा। स्मार्टसिटी ने री-क्रिएशन के नाम से ग्रीन बेल्ट को पूरी तरह से खत्म करने का कागजी खेल किया है।
शर्त थी टीटी नगर में ही रखेंगे, लेकिन केरवा, कलियासोत किनारे पेड़ शिफ्ट करने की कवायद
स्मार्टसिटी डेवलपमेंट कारपोरेशन को मिली मंजूरी में पेड़ों की शिफ्टिंग एबीडी में ही करना तय किया था, लेकिन पेड़ शिफ्टिंग के लिए जो एजेंसी तय की है, वह कलियासोत व केरवा क्षेत्र में शिफ्टिंग करने पर काम कर रही है। संभवत: अगले दो से तीन दिन में पेड़ों की ये शिफ्टिंग शुरू भी हो जाए।
शहर में पेड़ तो काटे, लेकिन क्षतिपूर्ति और शिफ्टिंग दोनों फेल हुई

– बीआरटीएस प्रोजेक्ट में 3000 पेड़ काटे, क्षतिपूर्ति पौधरोपण शाहपुरा पहाड़ी पर, फैल हुआ
– बीआरटीएस प्रोजेक्ट में 147 पेड़ शिफ्ट किए, सभी पेड़ खत्म हो चुके हैं
– अरेरा हिल्स शौर्य स्मारक प्रोजेक्ट में 6000 पेड़ काटे, इनकी क्षतिपूर्ति बताई नहीं गई
– नर्मदा प्रोजेक्ट मे 1200 पेड़ काटे, इनकी क्षतिपूर्ति सिर्फ कागजों में

– मेट्रो टे्रन प्रोजेक्ट में 2100 पेड़ कटने हैं, इसकी क्षतिपूर्ति पर स्थिति स्पष्ट नहीं
– एमपी नगर मल्टीलेवल पार्किंग के आसपास के 150 पेड़ काटे, क्षतिपूर्ति स्पष्ट नहीं
नोट- बीते दस सालों में इस तरह करीब 35 हजार पेड़ काटे जा चुके हैं। चारगुना क्षतिपूर्ति के लिए करीब 500 एकड़ जमीन की जरूरत पड़ती। ये अब तक नहीं पता चला, कहां हैं जमीन।
कोट्स
सबके लिए प्लानिंग की गई है। हरियाली को लेकर सभी अधिकारी सजग है और इसे कम नहीं होने दिया जाएगा।

– कल्पना श्रीवास्तव, प्रशासक
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