scriptSocial media is breaking the family, five divorces every month | सोशल मीडिया तोड़ रहा परिवार, हर महीने पांच तलाक इसी वजह से | Patrika News

सोशल मीडिया तोड़ रहा परिवार, हर महीने पांच तलाक इसी वजह से

locationभोपालPublished: Jul 01, 2023 10:39:51 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

सोशल मीडिया परिवार तोड़ रहा है। छोटे-छोटे मामलों को लेकर पति-पत्नी में विवाद हो रहे हैं। फैमिली कोर्ट में हर महीने इस आधार पर तलाक के करीब १०० मामले पहुंच रहे हैं। जून माह में पांच दंपतियों का तलाक अहम और वहम की वजह से हुआ।

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भोपाल. सोशल मीडिया परिवार तोड़ रहा है। छोटे-छोटे मामलों को लेकर पति-पत्नी में विवाद हो रहे हैं। फैमिली कोर्ट में हर महीने इस आधार पर तलाक के करीब १०० मामले पहुंच रहे हैं। जून माह में पांच दंपतियों का तलाक अहम और वहम की वजह से हुआ। वजह मोबाइल पासवर्ड शेयर न करना रहा। वहम यह था कि पत्नी के संबंध किसी और से हैं। इसके लिए सोशल मीडिया अकाउंट हैक करवाने से लेकर जासूसी तक हुई। कोर्ट में लंबी कॉल रिकॉर्ड की लिस्ट पेश हुई। नतीजतन निजता खुलकर सामने आ गयी।
काउंसलिंग से भी नहीं सुलझ रहे मामले
भोपाल जिला न्यायालय में परिवार से संबंधित मुद्दों की चार कोर्ट में से हर एक में हर रोज करीब 80 से 100 मामले आते हैं। इनमें से 25 फीसदी में समझौते होते हैं। 25 फीसदी में तलाक हो जाता है। 50 फीसदी में सुनवाई जारी रहती है। इस तरह हर रोज कुल करीब 350 से 400 परिवारिक विवाद के मामले आते हैं। अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश अरविंद रघुवंशी ने बताया-करीब 10 फीसदी मामले सोशल मीडिया और मोबाइल फोन से संबंधित रहते हैं। जिसमें एक-दूसरे की जासूसी तक लोग करवाते हैं।
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केस 1
अरेरा कॉलोनी की एक युवती ने शादी के 8 महीने बाद ही पति पर मानसिक प्रताडऩा का आरोप लगाया। पति फेसबुक और मोबाइल का पासवर्ड शेयर करने को कहता है। अकाउंट से फ्रेंड लिस्ट रिमूव कर देता। दोनों को समझाने का प्रयास हुआ। अंतत: तलाक ही हो गया।
केस 2
पति-पत्नी दोनों अच्छी नौकरी में थे। लेकिन आपस में कोई तालमेल नहीं था। समय सोशल मीडिया पर बीत रहा था। पत्नी ने अपने दोस्तों के साथ फोटो अपलोड की विवाद बढ़ गया। चार काउंसलिंग के बाद दोनों में तलाक हो गया।
केस 3
पति ने तलाक की वजह पत्नी पर दिन भर मोबाइल फोन में बिजी रहने की बतायी। रील्स की लत की वजह से बच्चे और परिवार पर गलत असर पडऩे को लेकर दोनों में हाथापाई हो गई। घरेलू हिंसा के आधार पर तलाक हो गया।
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एक्सपर्ट व्यू
आज की जेनरेशन छोटी-छोटी बातों पर झगड़ती है। यही परिवार टूटने के कारण हैं। मोबाइल फोन हर मामले में एक समस्या बन गया है। ईगो के कारण कोई पहल नहीं करना चाहता। परिवार के सदस्य भी अपने बच्चों की तरफदारी करते हैं। काउंसलिंग में पता चलता है युवाओं को समझाने की पहल नहीं की जा रही है। तलाक अब एक ट्रेंड बन गया है।
रितु पटवा, कांउसलर, फैमिली कोर्ट
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राज्य में हर माह लगभग 1५00 मामले
राज्य भर की फैमिली कोर्ट में हर महीन अमूमन १५०० मामले आते हैं। जबकि, साल भर कम से कम 12 हजार से ज्यादा मामले तलाक के होते हैं। विवाह-विच्छेद के आंकड़े भयभीत करने वाले हैं।
विवाद की प्रमुख वजह
पत्नी घंटों मोबाइल पर
सोशल मीडिया के दोस्त नापसंद
वाट्सएप, फेसबुक की लत
्रएक-दूसरे पर बातों पर शक करना
एक-दूसरे की आदतों को न समझ पाना
दोनों नौकरी में,शक बना कारण
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