कमलनाथ सरकार अब इस शर्त को हटाकर सभी किसानों को रियायती दर पर सोलर पंप की सुविधा देने जा रही है। जल्द ही इसका प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा।
प्रस्तावित योजना के अनुसार दो साल के अंदर 60 हजार से अधिक किसानों के यहां सोलर पंप देने की तैयारी है। जिन किसानों के यहां पहले से बिजली के पंप चल रहे हैं, उन्हें सोलर पैनल दिए जाएंगे। इसके लिए ऊर्जा विकास निगम नाबार्ड से दो करोड़ रुपए ऋण लेगा।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के अनुसार प्रदेश के पांच से सात लाख किसान खेतों में सिंचाई के लिए बिजली के पंप पर पूरी तरह से निर्भर हैं। इन किसानों को सात रुपए प्रति यूनिट के मान से बिजली उपलब्ध कराई जाती है। सोलर पेनल के जरिए उन्हें बिना किसी लागत के बिजली मिल सकेगी।
पांच हार्स पावर बिजली के कनेक्शन वाले किसानों के यहां सात हार्स पावर तक के सोलर पेनल लगाए जाएंगे, जिससे पंप को पर्याप्त बिजली मिल सके।
ऊर्जा विभाग के अनुसार प्रदेश के पांच से सात लाख किसान खेतों में सिंचाई के लिए बिजली के पंप पर पूरी तरह से निर्भर हैं। इन किसानों को सात रुपए प्रति यूनिट के मान से बिजली उपलब्ध कराई जाती है। सोलर पेनल के जरिए उन्हें बिना किसी लागत के बिजली मिल सकेगी।
पांच हार्स पावर बिजली के कनेक्शन वाले किसानों के यहां सात हार्स पावर तक के सोलर पेनल लगाए जाएंगे, जिससे पंप को पर्याप्त बिजली मिल सके। सोलर पेनल लगाने में जितनी राशि खर्च होगी, उसका अधिकतम बीस फीसदी तक राशि किसानों से वसूल की जाएगी।
राज्य सरकार पेनल लगाने वाली कंपनी को अस्सी फीसदी अनुदान की राशि पेनल सिस्टम लगाने के बाद देगी। सोलर पेनल लगाने के लिए खुली निविदा आमंत्रित की जाएगी, जिससे ज्यादा से ज्यादा कंपनियां इसमें हिस्सा ले सकें।
गौरतलब है कि भाजपा सरकार ने किसानों के लिए सोलर पंप योजना चालू की थी। इस योजना का लाभ सिर्फ उन किसानों को दिया जाता था, जिनके गांवों में बिजली नहीं होती थी। किसानों को पंप और पेनल दिया जाता था, लेकिन इस योजना में सिर्फ सोलर पेनल देने की योजना है।
बिजली भी बेंच सकेंगे किसान
किसान सोलर पेनल से बिजली भी पॉवर मैनेजमेंट कंपनी को बेंच सकेंगे। पॉवर मैनेजमेंट कंपनी किसानों से किस रेट पर बिजली खरीदेगी इसका निर्धारण विद्युत नियामक आयोग द्वारा किया जाएगा। बिजली विभाग के अधिकारियों का मानना है कि किसान 365 दिन में करीब 120 दिन ही सोलर एनर्जी का उपयोग कर सकेगा।
इसके बाद के 245 दिन की बिजली किसान पावर मैनेजमेंट कंपनी को दे सकेंगे। इससे उन्हें करीब 15 हजार रुपए सालाना सोलर पेनल से आय हो सकेगा। यह उनकी अतिरिक्त आय मानी जा सकती है।
कैबिनेट तय करेगी अनुदान
सोलर पेनल लगाने पर किसानों को कितने प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा, इसका निर्णय कैबिनेट तय करेगी। पूर्व सरकार में सोलर पंप लगाने पर 90 फीसदी से लेकर 85 फीसदी तक अनुदान किसानों को दिया जाता था।
तीन हार्स पावर से ऊपर के सोलर पंप पर 85 फीसदी तक अनुदान दिया जाता था, इससे नीचे के हार्स पावर पर ९० फीसदी तक अनुदान राशि थी। अब अनुदान राशि बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।