कलश शोभायात्रा के साथ भागवत कथा शुरू
लालघाटी स्थित गुफा मंदिर में बुधवार से भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। आकर्षक कलश शोभायात्रा निकाली गई जो सिद्देश्वरी मंदिर लालघाटी से प्रारंभ हुई और गुफा मंदिर स्थित कथा स्थल पहुंची। यात्रा में महिलाएं सिर पर कलश लिए मंगलगीत गाते हुए चल रही थीं। अनेक स्थानों पर यात्रा का स्वागत सत्कार किया गया। इस मौके पर कथावाचक परमानंद शास्त्री ने भागवत महात्म्य का महत्व बताते हुए धुंधकारी कथा का वर्णन किया।
बाधाएं आए फिर भी भक्ति मार्ग न छोड़ें
पुलिस परिवार उत्सव समिति की ओर से निमेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण रेडियो कॉलोनी भदभदा रोड पर आयोजत भागवत कथा में आचार्य विपिनकृष्ण शास्त्री महाराज ने ध्रुव चरित्र और प्रहलाद चरित्र’ का वर्णन करते हुए कहा कि भक्ति की कोई उम्र नहीं होती । भक्ति के मार्ग में कई तरह की बाधाएं आती’ है, जो इन बाधाओ को पार कर लेता है’ वह ठाकुरजी के परमधाम को प्राप्त करता है। यदि बाधाएं और कठिनाइयां आती हैं तो भक्ति के मार्ग को न छोड़े ‘प्रभू हमारी परीक्षा लेते’ हैं। भक्त प्रहलाद का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि छोटी सी उम्र में भी भक्ति प्राप्त की जा सकती है।
सुदामा चरित्र की झांकी सजाई
मानस भवन में चल रही भागवत कथा में बुधवार को सुदामा चरित्र कथा हुई। इस प्रसंग पर आधारित झांकी सजाई गई। सुदामा और कृष्ण ? की मित्रता और कलाकारों द्वारा दी गई जीवंत प्रस्तुति ने श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। पं. मुकेश महाराज ने इस प्रसंग पर प्रकाश डालते हुए मित्रता के महत्व के बारे में बताया।
भरत का जीवन भी महान है
पिपलेश्वर महादेव मंदिर पुलपुख्ता में आयोजित रामकथा में आचार्य वेकन्टेश महाराज ने कहा कि भरत का जीवन भी राम की तरह महान और अनुकरणीय है। आज धर्म के ज्ञान, संस्कार की कमी के कारण न भाई भाई को समझ रहा है, न माता पिता बच्चों को। आज हमें भरत जैसा भाई नहीं मिल रहा है।