भोपाल

उपचुनाव में मतदाताओं को लुभाने के लिए पार्टियों का पुराना तरीका, बस गीत और पंच नए आए

मेरे रश्के कमर…तेरी मिट्टी…जैसे गीतों के सहारे वोटरों को लुभाएगी भाजपा, कांग्रेस ने तैयार कराए इमोशनल पंच

भोपालOct 19, 2020 / 10:16 am

Hitendra Sharma

भोपाल. भाजपा के चुनावी गीत तैयार हो गए हैं। इनमें धार्मिक गीत हैं तो फिल्म भी। साथ ही देशभक्ति का रंग भी भरा गया है। ‘मेरे रश्के कमर, ‘है ये सम्मान की, ‘बड़े बड़ाई न करें, ‘हम कथा सुनाते हैं, ‘तेरी मिट्टी जैसे गीतों को भाजपा ने चुनाव प्रचार के लिए अलग ढंग से तैयार कराया है। कांग्रेस ने इनकी काट के लिए ‘मेरी क्या गलती है, ‘कन्यादान विवाह, ‘गौ माता को भोजन और गोशाला जैसे करीब एक दर्जन चुनावी पंच तैयार किए हैं। इसके जरिए कांग्रेस ने मतदाताओं के सामने इमोशनल कार्ड खेला है।

भाजपा ने की यह तैयारी
भाजपा के गीत 20 से 50 आयु वर्ग के मतदाताओं को ध्यान में रखकर तैयार किए हैं। दरअसल, उपचुनाव वाली 28 सीटों पर इस आयु वर्ग के ४६ लाख मतदाता हैं, जबकि सभी सीटों पर कुल 63. 68 लाख वोटर हैं। इन गीतों के जरिए पार्टी ने शिवराज सरकार की उपलब्धियों, विरोधी की नाकामयाबी को उजागर किया है।


कांग्रेस का तरीका अलग
कांग्रेस के प्रचार का तरीका कुछ अलग है। उसने प्रचार के लिए 15 महीने की सरकार की उपलब्धि बताते हुए विधायकों के इस्तीफा देने से जुड़े विज्ञापनों के छोटे-छोटे पंच तैयार किए हैं। वहीं, किसान कर्जमाफी, बिजली बिल आधे करने सहित अन्य कामों को प्रभावी बनाकर मतदाताओं को रिझाने की कोशिश की गई है।

आपत्तिजनक शब्दों को निकलने के बाद मिली अनुमति
राज्य स्तरीय मीडिया सर्टिफिकेशन कमेटी ने गीत व पंचों से आपत्तिजनक शब्दों को हटाने के बाद अनुमति दे दी है। इसमें राममंदिर सहित कुछ अन्य शब्दों को हटाया है। वहीं, चुनाव के लिहाज से तीन-चार आपत्तिजनक शब्दों को संपादित कराया गया है। इनमें लोकतंत्र की हत्या, विधायकों की खरीद-फरोख्त जैसे शब्द थे।

बिना अनुमति नहीं चलेगा विज्ञापन
आयोग की बिना अनुमति के विज्ञापन सोशल मीडिया, रेडियो, टीवी, अखबार में प्रकाशित नहीं होंगे। विज्ञापन और पेड न्यूज पर नजर रखने के लिए आयोग ने अलग-अलग कमेटी बनाई हैं।

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