एसपी-कलेक्टर और कमिश्नर भी जेलों का औचक निरीक्षण करेंगे। प्रदेश की तीन जेलों में छापे के बाद जेल मुख्यालय ने इन अफसरों से आग्रह किया है कि वे भी जेलों का अचानक दौरा करें।
भोपाल। एसपी-कलेक्टर और कमिश्नर भी जेलों का औचक निरीक्षण करेंगे। प्रदेश की तीन जेलों में छापे के बाद जेल मुख्यालय ने इन अफसरों से आग्रह किया है कि वे भी जेलों का अचानक दौरा करें। इससे जेलों में अवैध गतिविधियों के संचालन पर रोक लग सके। ज्ञात रहे कि ग्वालियर, मुरैना और नीमच की जेलों पर पिछले दिनों छापे मारे गए थे। इन छापों में कैदियों के पास मोबाइल फोन, चाकू और गांजे से लेकर अन्य प्रतिबंधित सामग्री मिली थी। जेल मुख्यालय ने कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, संभागीय कमिश्नर और पुलिस महानिरीक्षकों से जेलों का आकस्मिक रूप से निरीक्षण कर तलाशी लेने का कहा है। इन अधिकारियों से आग्रह किया गया है कि जेल में बल की कमी है, जिसका फायदा कैदी उठाते हैं, इस वजह से सुरक्षा प्रबंध देखने के वह भी समय निकालकर जेलों का औचक निरीक्षण करें।
जेल अधीक्षक होंगे जिम्मेदार
जेल मुख्यालय ने जेल अधीक्षकों को हिदायत दी है कि अब उन्हें भी जिम्मेदार ठहराया जाएगा। साथ ही निर्देशित किया है कि तलाशी में किसी प्रकार की लापरवाही या उदासीनता न बरती जाए। कैदियों पास प्रतिबंधित सामग्री पहुंचती है तो संबंधित अधिकारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। इसके लिए खुद नियमित एवं आकस्मिकता के आधार पर सघन तलाशी लें।
इसकी आड़ में पहुंचता है अंदर
जेल में कैदियों को ब्रश, जीभी, मंजन, साबुन, सर्फ, खाने-पीने की सामग्री आदि स्वयं के व्यय पर प्राप्त करने की अनुमति है। इनकी आड़ में कैदियों के परिजन प्रतिबंधित सामग्री पहुंचाते हैं। इसमें कर्मचारियों की मिली भगत भी रहती है। इसके लिए जेलों में बैगेज स्केनर लगाए जा रहे हैं।
यह दिए निर्देश
जेल अधीक्षक खुद अचानक चैकिंग करें।
जेल में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की सघन तलाशी ली जाए। इसके बाद ही प्रवेश दिया जाए।
जेल में आने वाले हर सामान की तलाशी ली जाए। विशेष कर कैदियों के मित्र, परिजनों द्वारा लाए गए सामान की।