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कोरोना वायरस से भी खतरनाक थी ये महामारी, संक्रमित होकर करोड़ों लोगों ने गंवाई थी जान

locationभोपालPublished: Mar 28, 2020 09:55:40 pm

Submitted by:

Faiz

स्पेनिश फ्लू इतना भयावय संक्रमण था, जिसने अपने प्रभाव से करोड़ों लोगों की जान ली थी। आइए, जानते हैं उस संक्रमण के बारे में…।

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कोरोना वायरस से भी खतरनाक थी ये महामारी, संक्रमित होकर करोड़ों लोगों ने गंवाई थी जान

भोपाल/ महामारी घोषित हो चुके कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में दहशत का माहौल बना दिया है। मध्य प्रदेश समेत भारत में कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए आम लोगों में डर का माहौल देखा जा रहा है। हालांकि, कोरोना के संक्रमण पर ब्रेक लगाने के लिए जहां केन्द्र सरकार की ओर से देशभर में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन घोषित किा है। वहीं, मध्य प्रदेश सरकार ने अहतियाद के तौर पर सूबे के तीन संदिग्ध शहरों में कर्फ्यू भी लगाया है। कोरोना वायरस से इन दिनों पूरी दुनिया दहशत में है। लेकिन, ये कोई पहली बीमारी नहीं है, जिसका डर विशवभर में में देखा जा रहा है, बल्कि इससे पहले भी कई संक्रमणों ने अलग अलग जगहों पर कोहराम मचा था। इन्ही में एक संक्रमण है ‘स्पेनिश फ्लू’।

 

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कोरोना संक्रमण V/S स्पेनिश फ्लू

महामारी का रूप ले चुके कोरोना से अब तक विश्वभर में 6, 21, 080 संक्रमित हो चुके हैं। इस संक्रमण से ग्रस्त होकर अब तक विश्व में 28, 662 लोग जान गंवा चुके हैं। वहीं, 137, 363 लोग इससे ठीक भी हो चुके हैं। कोरोना भारत में भी बहुत तेजी से अपने पेर जमा रहा है। यहां अब तक कोरोना के 933 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, इस संक्रमण से ग्रस्त 20 लोग देश में भी अपनी जान गंवा चुके हैं। जबकि, खुशी की बात ये है कि, संक्रमण से अब तक 84 लोग रीकवर भी हो चुके हैं। वहीं, इस संक्रमण का असर मध्य प्रदेश में भी काफी तेजी से बढ़ रहा है। यहां अब तक कोरोना से संक्रमित 34 मामले सामने आ चुके हैं, जबकि 2 लोग अपनी जान भी गवा चुके हैं। जबकि, स्पेनिश फ्लू इतना भयावय संक्रमण था, जिसने अपने प्रभाव से करोड़ों लोगों की जान ली थी। आइए, जानते हैं उस संक्रमण के बारे में…।

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अमेरिका से फैलना शुरु हुआ था संक्रमण

अमेरिका में स्पेनिश फ्लू के शुरुआती मामले मार्च 1918 में सामने आए थे। अभी की तरह उस समय दुनिया आपस में नहीं जुड़ी हुई थी। समुद्री मार्गों से ही एक देश से दूसरे देश आना-जाना होता था। फिर भी इस भयावय बीमारी ने काफी तेजी से लोगों को अपनी चपेट में लिया था।

जैसा कि, इस संक्रमण का नाम है, इसके अनुसार हर किसी के मन में सवाल आ रहा होगा कि, इस संक्रमण का नाम स्पेनिश फ्लू क्यों रखा गया था। जबकि इसकी शुरुआत स्पेन में नहीं बल्कि अमेरिका में हुई थी। असल में पहले विश्वयुद्ध के दौरान स्पेन तटस्थ था इसलिए जब धीरे-धीरे बीमारी वहां तक पहुंची, तो स्पेन ने इस बीमारी की खबर को दबाया नहीं, जबकि दूसरे देशों जो विश्वयुद्ध में शामिल थे, उन्होंने इस खबर को दबाए रखा कि उनके यहां बीमारी फैल रही है जिससे कि उनके सैनिकों का मनोबल न टूटे और उन्हें कमजोर न समझा जाए। ऐसे में स्पेन के स्वीकारने के कारण इसे स्पेनिश फ्लू नाम से जाना गया।

ये भी माना गया कि, इस बीमारी की शुरुआत सैनिकों से हुई थी। उस समय तब पहला विश्वयुद्ध चल रहा था। सैनिकों के बंकरों के आसपास गंदगी की वजह से ये महामारी सैनिकों में फैली और जब सैनिक अपने देश लौटे तो उनके जरिये संक्रमण भी उनके देश पहुंच गया। इस भयावय संक्रमण से मरने वालों की संख्या को लेकर भी अलग-अलग रिसर्चर्स की अलग अलग राय है। उन्हीं अनुमानों पर गौर करें तो उस महामारी के कारण करीब 4 करोड़ से 5 करोड़ लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। ये आंकड़ा उस समय की आबादी का 1.7 फीसदी था।

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