शहर के छोला विश्राम घाट स्थित मुक्तेश्वर महाकाल मंदिर में भी शनि प्रदोष के मौके पर भगवान मुक्तेश्वर महाकाल का अलौकिक शृंगार किया गया। यहां विभिन्न प्रकार के फूलों से भगवान मुक्तेश्वर का शृंगार हुआ। इस मौके पर विशेष पूजा अर्चना और महाआरती की गई। बड़ी संख्या में यहां श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
शिव प्रदोष का दिन शिव पूजा के लिए विशेष शुभ माना जाता है। इस दिन पूजा अर्चना करने से भगवान भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त होती है और मनोकामना पूरी होती है। हर माह प्रदोष व्रत दो बार आता है। जब भी यह शनिवार को आता है तो शनि प्रदोष और सोमवार को सोम प्रदोष का संयोग बनता है। शनि प्रदोष पर कई श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के साथ-साथ शनिदेव की आराधना भी करते हैं। माना जाता है कि इस दिन शनिदेव की आराधना और पूजा अर्चना करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और शनि पीड़ा से मुक्ति मिलती है।