राज्य के सरकारी विभागों में नि:शक्तजों के लिए अलग से आरक्षण निर्धारित है। वर्ष 2013 में हाईकोर्ट ने नीलेश सिंघल मामले में नि:शक्तजन आरक्षण और रिक्त पदों को भरने के निर्देश दिए थे। इसी के बाद से सरकार ने विशेष भर्ती शुरू किया। इसमें वाक इन इंटरव्यु के माध्यम से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की। इसके बावजूद भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ। कोर्ट की अवमानना से बचने के लिए सरकार रिक्त पदों को भरने के लिए लगातार तिथि बढ़ा रही है।
कब-कब बढ़ी तिथि नि:शक्त जनों के विशेष भर्ती अभियान की शुरूआत 22 फरवरी 2014 से हुई। इसी वर्ष दो बार तिथि बढ़ाई गई। वर्ष 2015 में चार बार, वर्ष 2016 में तीन बार, वर्ष 2017 में दो बार, जबकि वर्ष 2018, वर्ष 2019, वर्ष 2020, वर्ष 2021 में एक-एक बार अभियान की तिथि बढ़ाई गई। वर्ष 2022 में इस अभियान की तिथि जुलाई माह तक थी, अब इसे बढ़ाकर दिसम्बर तक कर दिया गया है।
सरकार ने जताई नाराजगी, विभागों से मांगी जानकारी
बार-बार अभियान की तिथि बढ़ाए जाने के बाद भी नियुक्तियां न होने पर राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने नाराजगी जताते हुए विभागों से जानकारी मांगी है। इसके लिए सभी विभागों को प्रोफार्मा भेजा गया है। जिसमें कहा गया है कि विकलांगता की श्रेणीवार जानकारी दी जाए, कि उन्होंने किस विकलांग श्रेणी में कितने लोगों की नियुक्ति की।
बार-बार अभियान की तिथि बढ़ाए जाने के बाद भी नियुक्तियां न होने पर राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने नाराजगी जताते हुए विभागों से जानकारी मांगी है। इसके लिए सभी विभागों को प्रोफार्मा भेजा गया है। जिसमें कहा गया है कि विकलांगता की श्रेणीवार जानकारी दी जाए, कि उन्होंने किस विकलांग श्रेणी में कितने लोगों की नियुक्ति की।
सरकार के ये तर्क
वाक इन इंटरव्यु के माध्यम से रिक्त पदों को भरने का प्रावधान है लेकिन विभागों को योग्य उम्मीदवार न मिलने के कारण नियुक्ति नहीं हो पा रही हैं। विज्ञापन भी जारी किए गए, लेकिन योग्य उम्मीदवारों के आवेदन नहीं आए।
वाक इन इंटरव्यु के माध्यम से रिक्त पदों को भरने का प्रावधान है लेकिन विभागों को योग्य उम्मीदवार न मिलने के कारण नियुक्ति नहीं हो पा रही हैं। विज्ञापन भी जारी किए गए, लेकिन योग्य उम्मीदवारों के आवेदन नहीं आए।
एक्सपर्ट कमेंट
नि:शक्तजनों के लिए विभागों में पद रिक्त हैं तो इनकी नियुक्ति समय सीमा में करना सरकार की जिम्मेदारी है। विशेष अभियान के तहत इस वर्ग की नियुक्ति का प्रावधान है, इसके बावजूद भी नियुक्ति न होना उचित नहीं है। लगता है बजट के अभाव में सरकार ही नियुक्ति से बचने का प्रयास कर रही है। यदि सरकार तय कर ले तो नियुक्ति को कोई टाल नहीं सकता।
- डीएस राय, रिटायर सचिव सामान्य प्रशासन विभाग
नि:शक्तजनों के लिए विभागों में पद रिक्त हैं तो इनकी नियुक्ति समय सीमा में करना सरकार की जिम्मेदारी है। विशेष अभियान के तहत इस वर्ग की नियुक्ति का प्रावधान है, इसके बावजूद भी नियुक्ति न होना उचित नहीं है। लगता है बजट के अभाव में सरकार ही नियुक्ति से बचने का प्रयास कर रही है। यदि सरकार तय कर ले तो नियुक्ति को कोई टाल नहीं सकता।
- डीएस राय, रिटायर सचिव सामान्य प्रशासन विभाग