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MP election 2018 : कम्युनिस्टों का गढ़ जाने कैसे बन गया कांग्रेस का किला!

locationभोपालPublished: Nov 12, 2018 02:47:29 pm

विधानसभा क्षेत्रों में जोर आजमाइश का दौर…

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MP election 2018 : कम्युनिस्टों का गढ़ जाने कैसे बन गया कांग्रेस का किला!

भोपाल। मध्यप्रदेश में 28 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में तकरीबन हर विधानसभा क्षेत्र में जोर आजमाइश का दौर जारी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भोपाल कभी किसी पार्टी का गढ़ रहने वाली सीटें भी अचानक ही किसी दूसरी पार्टी का अभेद किले में रूप में तब्दील हो गई।
यदि नहीं तो आज हम आपको ऐसे ही एक विधानसभा क्षेत्र के बारे में बताने जा रहे हैं जो किसी जमाने में कम्युनिस्टों का गढ़ हुआ करती थी, लेकिन ये सीट अब कांग्रेस का अभेद किला बन चुकी है।
जी हां हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश की भोपाल उत्तर विधानसभा सीट की… जो 1998 से कांग्रेस का अभेद किला बनी हुई है।

भोपाल उत्तर विधानसभा सीट भोपाल जिले के अंतर्गत आनी वाली 7 सीटों में से एक है। यह सीट कांग्रेस का गढ़ है। भोपाल उत्तर मुस्लिम बाहुल्य इलाका है।
इस सीट पर कांग्रेस के मुकाबले बीजेपी को कम जीत मिली है। मुस्लिम बाहुल्य इलाका होने के नाते यहां से हर दल मुस्लिम प्रत्याशी को ही चुनाव में उतारता है।

सियासी इतिहास: यह सीट किसी जमाने में कम्युनिस्टों का गढ़ हुआ करती थी। 1957, 1962, 1967 और 1972 में यह भोपाल सीट हुआ करती थी। भोपाल उत्तर सीट 1977 में असतित्व में आई।
1977 में पहली बार इस सीट पर चुनाव हुआ और जनता पार्टी के हामिद कुर जीते। इस सीट पर 4 बार सीपीआई के शाकिर अली ने जीत हासिल की। इसके बाद 1980 में कांग्रेस के रसूल अहमद चुनाव जीते। वह 1985 का चुनाव भी जीते।
जबकि 1990 में हुए चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। 1990 में निर्दलीय उम्मीदवार आरिफ अकील को जीत मिली। वहीं इस सीट पर साल 1993 में बीजेपी का खाता खुला। 1998 से लेकर 2013 तक आरिफ अकील विधायक रहे।
मोदी लहर भी रहीे बेअसर…
आरिफ अकील बीजेपी और मोदी लहर में भी चुनाव जीते। आरिफ अकील दिग्विजय सिंह सरकार में गैस राहत मंत्री भी रहे चुके हैं। 2013 के चुनाव में कांग्रेस के आरिफ अकील ने बीजेपी के आरिफ बैग को 6 हजार से ज्यादा वोटों से हराया।
आरिफ अकील को जहां 73070 वोट मिले थे तो वहीं आरिफ बैग को 66406 वोट मिले थे। 2008 के चुनाव में भी कांग्रेस के आरिफ अकील को जीत मिली थी। उन्होंने बीजेपी के आलोक शर्मा को हराया था। आरिफ अकील को 58267 वोट मिले थे, तो वहीं आलोक शर्मा को 54241 वोट मिले थे।
आरिफ अकील को जहां 73070 वोट मिले थे तो वहीं आरिफ बैग को 66406 वोट मिले थे। 2008 के चुनाव में भी कांग्रेस के आरिफ अकील को जीत मिली थी। उन्होंने बीजेपी के आलोक शर्मा को हराया था। आरिफ अकील को 58267 वोट मिले थे, तो वहीं आलोक शर्मा को 54241 वोट मिले थे।
इस बार ये हुआ बड़ा बदलाव…
वहीं इस बार भाजपा ने यहां से कांग्रेस के दिवंगत नेता रसूल अहमद सिद्दीकी की बेटी फातिमा को चुनाव मैदान में उतारा है। जानकारी के अनुसार उत्तर विधानसभा क्षेत्र से 80 और 85 में कांग्रेस के टिकट पर दो बार विधायक रहे रसूल अहम सिद्दी की बेटी बीजेपी में शामिल हो गई हैं।
उन्होंने गुरुवार शाम को भाजपा ज्वाइन की और तीन घंटे बाद रात को ही उन्हें बीजेपी ने उत्तर भोपाल का टिकट दे दिया। अब वे वर्तमान कांग्रेस विधायक एवं पूर्व मंत्री आरिफ अकील का मुकाबला करेंगी।
90 के दशक में उनके पिता रसूल अहमद सिद्दीकी दो बार कांग्रेस से विधायक रह चुके हैं। 1993 में आरिफ अकील ने जनता दल से चुनाव लड़े थे। इसमें बीजेपी के रमेश शर्मा चुनाव जीत गए थे।
कांग्रेस के सिद्दीकी की बुरी तरह हार हुई थी। इसके बाद अकील खुद भी कांग्रेस में शामिल हो गए थे। तब से लेकर अब तक आरिफ अकील को कोई हरा नहीं पाया।


2013 के ये थे चुनावी नतीजे
मध्य प्रदेश में कुल 231 विधानसभा सीटें हैं। 230 सीटों पर चुनाव होते हैं जबकि एक सदस्य को मनोनीत किया जाता है। 2013 के चुनाव में बीजेपी को 165, कांग्रेस को 58, बसपा को 4 और अन्य को तीन सीटें मिली थीं।
इस बार ये हैं आमने सामने…
भाजपा : फातिमा रुसूल सिद्धकी
कांग्रेस : आरिफ अकील

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