वहीं सोमवार भोपाल में नामांकन कराने पहुंचे एक निर्दलीय प्रत्याशी के कारण यहां अजीब सी स्थिति बन गई। जिसके चलते यहां बैठे अधिकारियों व कर्मचारियों तक की सांसे फूल गईं। ये है मामला…
दरअसल नामांकन पत्र भरने का सिलसिला शुरू होने के बाद आज भोपाल में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पहुंचे मोहम्मद जावेद मसूद ने जैसे ही नामांकन फिस के लिए अपना थैला खोला वैसे ही वहां मौजूद हर कोई सकते में आ गया।
दरअसल नामांकन पत्र भरने का सिलसिला शुरू होने के बाद आज भोपाल में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पहुंचे मोहम्मद जावेद मसूद ने जैसे ही नामांकन फिस के लिए अपना थैला खोला वैसे ही वहां मौजूद हर कोई सकते में आ गया।
जानकारी के अनुसार नामांकन पत्र के साथ प्रत्याशियों को 10हजार रुपए की फीस भी भरनी होती है। ऐसे में जब मोहम्मद जावेद मसूद की फीस भरने की बारी आई तो उन्होंने अपना थैला खोलकर पैसे निकालना शुरू किया और देखते ही देखते पूरी टेबल पर सिक्के ही सिक्के छा गए।
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मसूद अपने साथ फीस जमा करने के लिए पूरे दस हजार की चिल्लर लेकर आए थे, इसमें कई एक रुपए, कई दो रुपए, कई पांच रुपए ओर कुछ 10 रुपए के भी सिक्के शामिल थे।
मसूद अपने साथ फीस जमा करने के लिए पूरे दस हजार की चिल्लर लेकर आए थे, इसमें कई एक रुपए, कई दो रुपए, कई पांच रुपए ओर कुछ 10 रुपए के भी सिक्के शामिल थे।
होश उड़े…
मसूद के द्वारा उन सिक्कों को निकाला जाता देख वहां बैठे सभी अधिकारी कर्मचारियों के होश ही उड़ गए। लेकिन पैसा होने के कारण वे इसे लेने से इनकार भी नहीं कर सके। ऐसे में बड़ी कोशिशों के बाद सारे सिक्कों को एक जगह इक्ट्ठा किया गया।
मसूद के द्वारा उन सिक्कों को निकाला जाता देख वहां बैठे सभी अधिकारी कर्मचारियों के होश ही उड़ गए। लेकिन पैसा होने के कारण वे इसे लेने से इनकार भी नहीं कर सके। ऐसे में बड़ी कोशिशों के बाद सारे सिक्कों को एक जगह इक्ट्ठा किया गया।
गिनने पड़े सिक्के…
अब मोहम्मद जावेद मसूद द्वारा दिए गए इन सिक्कों को लेकर कुछ देर तो वहां सब टेंशन में दिखें, लेकिन इसके ठीक बाद आपसी सहमती करते हुए सिक्कों की गनती शुरू की गई।
अब मोहम्मद जावेद मसूद द्वारा दिए गए इन सिक्कों को लेकर कुछ देर तो वहां सब टेंशन में दिखें, लेकिन इसके ठीक बाद आपसी सहमती करते हुए सिक्कों की गनती शुरू की गई।
इन सिक्कों को गिनने के लिए 6 कर्मचारियों को लगाया गया, जिन्होंने काफी जद्दोजहद के बाद इन सिक्कों को पूरा गिना और 10 हजार रुपए होने की बात कहते हुए इन्हें जमा कर लिया।