इन दिनों वे खराब स्वास्थ्य के कारण ये बिस्तर पर हैं। इन्हें दुख है कि इस बार स्वतंत्रता दिवस पर लहराते हुए तिरंगे को देखने नहीं जा सकेंगे। इसी दिन रक्षाबंधन है। पूर्व राज्यपाल की राखी को भी ये याद कर रहे हैं। 93 साल के मुख्तार खान पुराने शहर में रहते हैं। देश की आजादी की लड़ाई के दौरान 1942 में छह माह जेल में काटे।
नए भारत के सपने के साथ देश को आजादी मिलने तक प्रयास किया। शहर में कुछ ही सेनानी रह गए हैं। हर साल स्वतंत्रतता दिवस पर झंडावंदन के लिए जाते थे। लेकिन स्वास्थ्य के कारण न जा पाने की पीड़ा वहीं पूर्व राज्यपाल बहन बनी आनंदी बेन से राखी बंधवाने का मौका मिलेगा।
केवल संदेशा ही भेज सकूंगा…
इन्होंने बताया कि अब सिर्फ राखी का संदेश ही पूर्व राज्यपाल आनंदीबेन को भेज पाउगा। तीन दिन के अंदर तीन त्योहार एक साथ है, लेकिन कमजोरी होने की कारण मैं सिर्फ आयोजन के आने को मेहसूस ही कर रहा हूं।
इन्होंने बताया कि अब सिर्फ राखी का संदेश ही पूर्व राज्यपाल आनंदीबेन को भेज पाउगा। तीन दिन के अंदर तीन त्योहार एक साथ है, लेकिन कमजोरी होने की कारण मैं सिर्फ आयोजन के आने को मेहसूस ही कर रहा हूं।
होनी लगी परेशानी…
इस बार रक्षा बंधन और स्वतंत्रता दिवस का पर्व एक ही दिन पड़ रहा, इसके तीन दिन पहले 12 अगस्त को बकरीद है। इसके कारण शहर में हर्षोउल्लास का माहौल बना हुआ है। बरसात में भी लोग खरीदारी में जुटे हुए हैं।
इस बार रक्षा बंधन और स्वतंत्रता दिवस का पर्व एक ही दिन पड़ रहा, इसके तीन दिन पहले 12 अगस्त को बकरीद है। इसके कारण शहर में हर्षोउल्लास का माहौल बना हुआ है। बरसात में भी लोग खरीदारी में जुटे हुए हैं।
राखी के साथ तिरंगा झंडे की दुकानें भी पुराने शहर में खूब लगी हुई हैं। इन आयोजनों में शामिल न होने पाने की ये पीड़ा महसूस कर रहे हैं। कुछ माह से पैरों में तकलीफ हो रही है। जिससे वे चल फिर नहीं पा रहे हैं। वह बिस्तर पर ही ज्यादा समय लेटे रहते हैं।