आज हम आपको बताते हैं हमारे भोपाल के स्टार स्नूकर खिलाड़ी कमल चावला के नेचर के बारे में।
भोपाल। अक्सर हम एक खिलाड़ी का प्रदर्शन ही देख पाते है और उससे ही उसकी पहचान होती है। लेकिन, आपने कभी सोचा है कि ये खिलाड़ी कहलाते किस कारण से हैं। आज हम आपको बताते हैं भोपाल के स्टार स्नूकर खिलाड़ी कमल चावला के नेचर के बारे में। स्नूकर एक मांइड गेम है। इसमें हर खिलाड़ी को दिमागी सतुंलन बनाना जरूरी है। उसमें विरोधी की चाल को पहचानने की क्षमता होनी चाहिए। पत्रिका ने कमल से मैच के दौरान उनकी सोच और तैयारी के बारे में जानने की कोशिश की। कमल बताते हैं कि एक अच्छा खिलाड़ी वह कहलाता है जो हमेशा अपने आप को काबू में रखे। हमेशा पॉजीटिव सोच रखे। अनुशासन में रहे। कमल भी एेसी ही बातों को फॉलो करते हैं।
गाने सुनकर बदलते हैं मिजाज
विक्रम अवार्डी कमल हमेशा अपने मैच के पहले शांत मिजाज में रहना पसंद करते हैं। उनका मानना है अगर आप किसी काम को करें तो शांत मिजाज रहना बहुत जरूरी है। कमल इसके लिए हमेशा मैच से पहले गाना सुनना पसंद करते हैं। उन्हे पंजाबी सिंगर मलकीत सिंह के गाने पंसद आते है। वह उसके गानों से ही अपना मूड बदल लेते हैं।
टूर पर ले जाते हैं मां के हाथ का बना खाना
स्नूकर में वल्र्ड नंबर तीन पर रह चुके कमल हमेशा विदेश में मैच खेलने के लिए जाते रहते हैं। उन्हे वहां का खाना रास नहीं आता। इसके लिए वे अपने मां का बना हुआ खाना ही पसंद करते हैं इसके लिए वह टूर पर जाने से पहले दो तीन दिन का खाना लेकर जाते हैं। जब वह वहां के नेचर में ढल जाते हैं उसके बाद ही खाना फूड यूज करते हैं। ये वो इसलिए करते हैं की उनकी फिटनेस बरकरार रहे।
शर्म-अल-शेख बहुत पसंद
कमल कहते हैं कि वैसे तो दुबई और मलेशिया भी घूमने के लिए अच्छा प्लेस है लेकिन उन्हे इजिप्त का शर्म-अल-शेख बहुत रास आता है। वह हमेशा अपने मम्मी और पापा के साथ वहां जाना पसंद करते है।
सब सोच से ही होता है
नेशनल चैम्पियन कमल के लिए स्पोट्र्स मतलब पॉजीटिव है। वह हमेशा अपने आप को पॉजीटिव रखते हैं चाहे वह मैच खेलते हों या फिर काम करते हों। हमेशा उनकी सोच पॉजीटिव ही रहती है। स्वभाव से शांत कमल अपने बॉडी और दिनचर्चा पर विशेष ध्यान रखते है। वह सुबह 7 बजे उठते हैं, फिर योगा करने के बाद हल्का नास्ता करते हैं। फिर अपने काम के लिए निकल पड़ते हैं।