ये स्थित उस समय है जब इस मैदान का विकास करने स्थानीय विधायक ने घोषणा की थी। यहां सुधार के लिए दो करोड़ रुपए खर्च होने हैं। मामला एक साल से अटका हुआ है। कई जगह से इसकी बाउंड्री टूट गई है वहीं नगर निगम के अमले ने इसे अघोषित कचरा कलेक्शन सेंटर का रूप दे दिया है।
विकास के नाम पर मैदान के सामने जो निर्माण हुआ वह स्थानीय लोगों के लिए पार्किंग स्पेस के काम आ रहा है। मैदान कचरा घर का रूप ले चुका है। बरसात के चलते यहां बुरे हाल हैं।
दशहरा मैदान करीब 35 साल पुराना है। इसके चारों तरफ घनी आबादी है। आसपास गंदगी का आलम रहता है। इसे विकसित करने के लिए निगम ने अपने चालू वित्तीय वर्ष में 2 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था।
इसके तहत यहां हरियाली विकसित करने के अलावा पार्किंग, पहुंच मार्ग, सुरक्षा, लाइटिंग और अन्य व्यवस्थाएं भी की जानी थी। बताया गया कि नए सिरे से बाउंड्री वॉल का निर्माण भी किया जाना था। यहां काम तो हुए लेकिन मैदान के बाहर। सीमेंट कांक्रीट से मैदान के सामने पार्किंग स्पेस का निर्माण कर इसे पूरा कर दिया।
एक नजर में योजना
– मैदान का विकास – 2 करोड़
– क्षेत्रफल- 20 हजार वर्गफीट विकास के नाम पर मैदान के सामने जो निर्माण हुआ वह स्थानीय लोगों के लिए पार्किंग स्पेस के काम आ रहा है। मैदान कचरा घर का रूप ले चुका है। बरसात के चलते यहां बुरे हाल हैं।
– मैदान का विकास – 2 करोड़
– क्षेत्रफल- 20 हजार वर्गफीट विकास के नाम पर मैदान के सामने जो निर्माण हुआ वह स्थानीय लोगों के लिए पार्किंग स्पेस के काम आ रहा है। मैदान कचरा घर का रूप ले चुका है। बरसात के चलते यहां बुरे हाल हैं।
दशहरा मैदान पर विकास कार्य कराए जा रहे हैं। इसके तहत यहां बाउंड्री वॉल का निर्माण हो रहा है। जल्द ही यहां गेट और मैदान समतलीकरण किया जाएगा। प्रकांत तिवारी, स्थानीय पार्षद दशहरा मैदान की बाउंड्री वॉल निर्माण का कार्य चल रहा है। बरसात के कारण कुछ दिक्कत आ रही है। मैदान के सामने पार्किंग पहले ही बन चुकी है।
एके फुल्ले, प्रभारी दशहरा मैदान