8 साल बाद में 400 लोकेशन पर 10 फीसदी दाम बढ़ाए हैं, तो बाकी 2400 लोकेशन में 17 से 20 फीसदी जमीनों के रेट में वृद्धि की है। प्रमुख बाजारों में वृद्धि 40 से 50 फीसदी है । 2019-20 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार में जमीनों के रेट में 20 फीसदी की कमी कर स्टाम्प दो फीसदी बढ़ाया था। इससे शहरी सीमा में रजिस्ट्री करते समय प्रॉपर्टी का 12.50 फीसदी शुल्क चुकाना है। अब नई गाइडलाइन से आम आदमी पर दोहरी मार पड़ेगी ।
यहां की कीमते बढ़ेंगी
राजधानी में न्यू मार्केट, चौक बाजार, अरेरा कॉलोनी, मालवीय नगर, सुल्तानिया रोड, हमीदिया रोड, इब्राहिमपुरा, कोहेफिजा, होशंगाबाद रोड की कॉलोनी, कोलार की कॉलोनी, सर्वधर्म सेक्टर, दानिश कुंज, दानिश नगर, अवधपुरी, बावड़ियाकला, बैरागढ़, भोपाल टाकीज चौराहा, लखेरापुरा, स्प्रिंग, बरखेड़ा पठानी (बीडीए के प्रोजेक्ट ), सागर पाम, ग्लोबल सिटी, कटारा, लेकपर्ल पुराना कबाड़खाना, सलैया, बर्रई, कॉलोनियां, रायसेन रोड आदी अन्य बगरोदा, बैरागढ़ चीचली की हाउसिंग कॉलोनी स्थानों पर रजिस्ट्री कराने पर अब पचास हजार से डेढ़ लाख तक का अंतर आएगा।
ये भी जानें…
– मास्टर प्लान के अनुसार सघन व्यावसायिक क्षेत्र, जो आवासीय भी है और कमर्शियल, ऐसे बाजारों में बीच के का अंतर खत्म करते हुए कमर्शियल कर दिया है। अभी तक नीचे दुकान और उपर मकान को आवासीय बताकर रजिस्ट्री कराई जाती थी, लेकिन अब कमर्शियल में रजिस्ट्री होगी। आम आदमी पर दो गुने से ज्यादा भार पड़ेगा। घर की रजिस्ट्री भी होगी कमर्शियल ।
– नगरीय क्षेत्र में 217 नई कॉलोनियों को गाइडलाइन में जोड़ा गया है, इसमें रेट वहां की आस-पास की कॉलोनी के आधार पर तय किए गए हैं। 50 मीटर छोड़ कर मेट्रो प्राजेक्ट पर रेट बढ़ाए। एम्स से करोंद और भदभदा के रत्नागिरी तक के मेट्रो रूट पर 50 मीटर एरिया छोड़कर जमीनों के रेट बढ़ा दिए हैं।