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उपचुनाव का रण : कांग्रेस को जीत दिलाने के लिए ये स्टार प्रचारक लगाएंगे ऐड़ी चोटी का ज़ोर

locationभोपालPublished: Oct 07, 2020 08:56:03 pm

Submitted by:

Faiz

उपचुनाव में कांग्रेस को जीत दिलाने के लिए उद्धव ठाकरे, अशोक गहलोत, सचिन पायलेट और भूपेश बघेल ज़ोर लगाएंगे।

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उपचुनाव का रण : कांग्रेस को जीत दिलाने के लिए ये स्टार प्रचारक लगाएंगे ऐड़ी चोटी का ज़ोर

भोपाल/ मध्य प्रदेश में होने वाले 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में जीत कांग्रेस और भाजपा के लिए साख की लड़ाई बन चुकी है। जहां एक तरफ भाजपा सत्ता में बने रहने के लिए जीत की जी तोड़ मेहनत कर रही है। वहीं, कांग्रेस भी इस उपचुनाव से प्रदेश की सत्ता वापसी की राह निकालने में जुटी हुई है। दोनो ही दल अपनी अपनी जीत के लिए पूरा दम लगा रहे हैं। इसी कड़ी में बीजेपी को शिकस्त देने के लिए कमलनाथ ने अब सीएम 11 सीट का प्लान तैयार किया है। उपचुनाव में जीत हासिल करने के लिए कांग्रेस ने तीन राज्यों के स्टार प्रचारक नेताओं को मोर्चे की कमान सौंपी है। इनमें राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और युवा कांग्रेस नेता सचिन पायलट, छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल और महाराष्ट्र सीएम उद्धव ठाकरे पार्टी प्रत्याशियों के प्रचार करते देखे जाएंगे।

उप चुनाव में जीत के लिए कांग्रेस ने पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरने की तैयारी कर ली है। कांग्रेस न सिर्फ पार्टी के स्टार प्रचारक नेताओं बल्कि सहयोगी दलों से भी प्रचार के लिए सहयोग ले रही है। कमलनाथ ने खुद ये रणनीति तैयार की है। इसमें दूसरे राज्यों में कांग्रेस और कांग्रेस के समर्थन वाली सरकारों से सहयोग लेने की तैयारी की है।

 

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अपनी अपनी सीमा संभालेंगे पड़ोसी राज्य

कांग्रेस की रणनीति के तहत महाराष्ट सीमा से लगी प्रदेश की विधानसभा सीटों पर शिवसेना को प्रचार की कमान सौंपी गई है। महाराष्ट्र में कांग्रेस के गठबंधन वाली उद्धव ठाकरे सरकार के मंत्री नेपानगर सीट पर कांग्रेस की जीत का मोर्चा संभालेंगे। तो वहीं राजस्थान और छत्तीसगढ़ सीमा से लगी विधानसभा सीटों पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जीत दिलाने की जिम्मेदारी दी गई है।

 

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इन सीटों पड़ोसी करेंगे प्रचार

प्रदेश में 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में से 11 सीटें ऐसी हैं, जो मध्य प्रदेश से लगे पड़ोसी राज्यों की सीमा से जुड़ी हुई हैं। इनमें मुरैना की सुमावली और अंबाह सीट, दतिया की भांडेर सीट, शिवपुरी की करेरा और पोहरी, गुना की बमोरी, अशोकनगर की मुंगावली, अनूपपुर की अनूपपुर सीट, आगर मालवा की आगर सीट, बुरहानपुर की नेपानगर सीट और मंदसौर की सुवासरा सीट शामिल है। यही कारण है कांग्रेस पार्टी ने अब कांग्रेस शासित राज्यों के नेताओं या कहें मुख्यमंत्रियों की मदद लेना शुरू कर दिया है।

 

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इसलिए कमलनाथ ने सौंपी पड़ोसी राज्यों को जिम्मेदारी

बुरहानपुर की नेपानगर सीट महाराष्ट्र सीमा से लगी हुई है। यहां मराठी भाषियों की संख्या अधिक है। ऐसे में कांग्रेस यहां प्रचार के लिए उद्धव ठाकरे सरकार और शिवसेना की मदद लेगी। वहीं, छत्तीसगढ़ राज्य से लगी अनूपपुर विधानसभा सीट पर जीत के लिए नेपानगर और अनूपपुर दोनों सीटों को दोबारा हासिल करने के लिए भूपेश बघेल को जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा, राजस्थान सीमा से लगे सुमावली, पोहरी, बमोरी, आगर और सुवासरा सीट पर अशोक गहलोत चुनावी कमान संभालेंगे। साथ ही, ग्वालियर चंबल इलाके वाली उत्तर प्रदेश से लगी विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने सचिन पायलट को प्रचार की कमान सौंपी है। बता दें कि, पायलेट की जिम्मेदारी वाले क्षेत्र में गुर्जर वोटों की संख्या अधिक है। ऐसे में कमलनाथ का मानना है कि, सचिन पायलट के यहां मैदान में खड़े होने से पार्टी को फायदा मिलेगा।

 

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राजस्थान को सौंपी इन सीटों की कमान


छत्तीसगढ़ को सौंपी इस सीट की कमान

-अनूपपुर की छत्तीसगढ़ से


महाराष्ट्र को सौंपी इस सीट की कमान

-बुरहानपुर की नेपानगर महाराष्ट्र से

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