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वार्डों में स्टार रैंकिंग प्रतियोगिता शुरू, 62 वार्ड कचरा उठाने में फिसड्डी

locationभोपालPublished: Oct 28, 2018 12:42:20 am

Submitted by:

Bharat pandey

स्वच्छता सर्वेक्षण 2019

Sanitation Survey 2019

Sanitation Survey 2019

भोपाल। नगर निगम भोपाल ने स्वच्छता सर्वेक्षण में पहले नंबर पर आने के लिए वार्ड आधारित स्टार रैकिंग शुरू की है। ये निगम स्तर पर ही की जा रही है। स्थिति ये हैं कि जिन छह प्रमुख मापदंडों पर वार्डों को परखा जा रहा है, उनमें मौजूदा 85 में से 50 वार्ड फेल हैं। उपायुक्त स्तर के अफसरों को जोनवार वार्डों में इस स्टार रैकिंग की बागडोर सौंपकर व्यवस्थाओं को मजबूत कराया जा रहा है, ताकि सर्वेक्षण के अंतिम दिनों में गली-मोहल्लों में सफाई की व्यवस्था के लिए अधिक भागदौड़ न करना पड़े।

 

इंतजाम नहीं किए, हटा रहे कचरा कंटेनर
निगम बीते तीन दिन से शहर में अलग-अलग जगह रखे कचरा कंटेनर हटा रहा है। वार्ड 24 में इसकी शिकायत अधिक है। क्षेत्रीय पार्षद शबिस्ता जकी का कहना है कि निगम डोर- टू डोर कलेक्शन को मजबूत करना चाहता है, लेकिन यहां कचरा कलेक्शन के पर्याप्त व्यवस्था नहीं की और कंटेनर हटवाए जा रहे। इससे कचरा लोग सडक़ों व खाली प्लॉट पर फेंकेंगे।

कचरा जलाने पर एएचओ बोले, लोग जलाते हैं, हम क्या करें?
सूखा कचरा जलाने को लेकर निगमायुक्त अविनाश लवानिया ने बैठक कर दरोगा समेत जोन के एएचओ को स्पष्ट निदेश दिए, बावजूद इसके रविवार सुबह अरेरा कॉलोनी से लेकर दस नंबर, बिट्टन मार्केट और आसपास के क्षेत्र में कचरा धड़ल्ले से जल रहा था। इस क्षेत्र के एएचओ अशोक माहेश्वरी है। जब उनसे बात की तो उन्होंने कहा कि लोग कचरा जला देते हैं, हम इसके जिम्मेदार थोड़े हैं।

 

स्टार रैंकिंग प्रतियोगिता के छह प्रमुख मापदंड
1. डोर टू डोर कचरा कलेक्शन
्रस्थिति- अभी दावा तो पूरे शहर में हर घर से कचरा उठाने का है, लेकिन शहर के 246 स्लम से कचरा नहीं उठ रहा। बैरागढ़ से लेकर पुराना शहर और कोलार में ये क्षेत्र है। जो नागरिक संपत्ति कर देते हैं, उनके यहीं पर वेस्ट कलेक्शन घर जाकर किया जाता है, बाकी को इंकार किया जा रहा है। 62 वार्डों में ये स्लम एरिया है।

2. वेस्ट कलेक्शन का रोजाना का आंकड़ा
स्थिति- एक भी वार्ड का रोजाना कलेक्शन और निष्पादन का आंकड़ा नहीं जुटाया जाता। कचरे को गीले और सूखे कचरे में सेग्रीगेशन व इसके डंपिंग साइट पर जाने की तमाम आंकड़ों को रोजाना एकत्रित करना बड़ी चुनौती है।

3. वार्ड को ओडीएफ
स्थिति- भोपाल भले ही ओडीएफ घोषित है, लेकिन शहर के ढाई सौ से अधिक स्लम एरिया से लेकर कई सामान्य एरिया में खुले में शौच की स्थिति है। कई जगह मॉड्यूलर टॉयलेट्स टूट गए हैं, और कई जगह लोग इनका उपयोग नहीं करते।

4. सडक़ सफाई
स्थिति- आवासीय कॉलोनी की सडक़ों की दिन में दो बार और व्यवसायिक क्षेत्रों में रात को भी अतिरिक्त सफाई का नियम है, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा। अभी शहर में 866 ऐसे क्षेत्र हैं, जहां की सडक़ें सप्ताह में दो बार भी साफ नहीं की जा रही।

5. वार्ड में ही कचरा निष्पादन
स्थिति- कचरे का वार्ड और पार्क में निष्पादन के लिए ट्रीटमेंट प्लांट कहीं नहीं लगा है। कॉलोनियों का सीवेज और गंदगी यदि निगम कर्मचारी नहीं उठाते तो वह फिर गंदगी बनकर पूरे क्षेत्र में फैला ही रहता है।

6. शिकायतों का निराकरण
स्थिति- निगम के कॉल सेंटर 155304 पर गंदगी को लेकर वार्डवार रोजाना 50 से अधिक शिकायतें दर्ज हो रही है, लेकिन इनका निराकरण समय छह दिन से अधिक है। समय पर शिकायत निवारण बड़ी दिक्कत बनकर सामने आ रही है।

 

वार्डों में आपसी स्पद्र्धा से उनके सफाई व्यवस्था बेहतर करने की कोशि की जा रही है। स्वच्छता रैंकिंग 2019 में इसका लाभ मिलेगा।
– अविलाश लवानिया, निगमायुक्त

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