मध्य प्रदेश की सभी इंडस्ट्रीज के लिए अब 70 फीसदी नौकरियां स्थानीय लोगों को देना जरूरी कर दिया गया है। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने इसके लिए बनाए गए नियम को लागू कर दिया है।
उद्योग विभाग के मुख् सचिव मोहम्मद सुलेमान के मुताबिक नई उद्योग नीति को लागू कर दिया गया है। वे सभी उद्योग जिन्हें सरकार की तरफ से एंसेंटिव या अन्य सुविधाएं मिलती हैं, अब उन्हें अपने उद्योगों में 70 फीसदी नौकरियां स्थानीय युवा को देना होगी।
मुख्यमंत्री कमलनाथ के आफिशियल ट्वीटर अकाउंट के जरिए यह जानकारी दी गई है। उसमें कहा गया है कि वचन पत्र के वायदों पर अमल करते हुए हमने राज्य सरकार की ओर से पोषिथ सभी इंडस्ट्रीज में 70 प्रतिशत जॉब मध्यप्रदेश के स्थानीय लोगों के लिए अनिवार्य कर दिया है।
बताया गया है कि राज्य के लिए नई औद्योगिक नीति पिछले साल दिसंबर में लाई गई थी। मुख्यमंत्री कमलनाथ 19 फरवरी को प्रदेश के उद्योगपतियों से मुलाकात करेंगे और इन्वेस्टमेंट और स्थानीय लोगो के जॉब के नए अवसर पैदा करने की नीति पर चर्चा करेंगे।
-गुजरात की भाजपा सरकार भी इस तरह का नियम ला चुकी है। गुजरात में लगने वाले नए उद्योग को रोजगार के मामले में गुजरातियों को प्राथमिकता देने का प्रावधान किया गया है। उद्योगों को यह आश्वस्त करना पड़ता है कि वे 80 फीसदी रोजगार स्थानीय या राज्य के लोगों को देंगे।
-नई पॉलिसी के मुताबिक बेरोजगार युवाओं को ट्रेनिंग कैंप और जॉब मेले में खुद को रजिस्टर्ड करना होगा। इसके बाद इन युवाओं को स्टाइपेंड दिया जाएगा।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ हाल ही में दावोस से विश्व आर्थिक फोरम से लौटे हैं। नाथ ने उद्योगों को बिजनेस फ्रैंडली माहौल देने का वायदा किया था। मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव एसआर मोहंती कहते हैं कि राज्य सरकार मध्य प्रदेश समिट की प्लानिंग भी कर रही है। यह 18-20 अक्टूबर के मध्य इसका आयोजन हो सकता है। चुनाव से पहले स्थानीय लोगों को रोजगार देने के अपने वचन पत्र में कांग्रेस ने कहा था। कमलनाथ ने भी शपथ लेने के बाद ही कर्ज माफी और रोजगार के मुद्दे पर नियम बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी।