scriptस्टेट लेवल के काल सेंटर ने विशेष वाहन से भेजी ग्वालियर के कैंसर पीडि़त को कीमो की दवा | State level call center sent Gwalior cancer victim with special vehicl | Patrika News

स्टेट लेवल के काल सेंटर ने विशेष वाहन से भेजी ग्वालियर के कैंसर पीडि़त को कीमो की दवा

locationभोपालPublished: Apr 04, 2020 09:28:47 pm

Submitted by:

Ashok gautam

भूखे को भोजन, बीमार को अस्पताल और यात्रा में फसे लोगों को घर पहुंचाने चौबीसों घंटे तत्पर है कॉल सेंटर

स्टेट लेवल के काल सेंटर ने विशेष वाहन से भेजी ग्वालियर के कैंसर पीडि़त को कीमो की दवा

स्टेट लेवल के काल सेंटर ने विशेष वाहन से भेजी ग्वालियर के कैंसर पीडि़त को कीमो की दवा

भोपाल। कोरोना के लिए स्मार्ट सिटी में बनाएं गए स्टेट लेवल के कॉल सेंटर के टोल फ्री नम्बर-24118 पर ग्वालियर से कैंसर पीडि़त मरीज का फोन आया। उसने फोन पर मांग की कीमो की दवाइयां। ये दवाइयां उसे ग्वालियर में नहीं मिल रही हैं। कोरोना के चलते परिवहन की व्यवस्था भी पूरी तरह से ठप है।
दवाइयां भी ऐसी की वो सिर्फ फ्रीजर में ही रखी जा सकती हैं। कॉल सेंटर ने मरीज को 24 घंटे के अंदर ग्वालियर कीमो की दवा पहुंचाने की व्यवस्था की। दवा लेकर आज ही भोपाल नगर निगम का विशेष वाहन ग्वालिर के लिए रवाना हो गया है। ऐसे ही जीवन रक्षक दवाएं प्रदेश के 5 हजार लोगों तक कॉल सेंटर के जरिए पहुंचाई गई है। इसके साथ ही इस सेंटर के जरिए चार हजार लोगों को अस्पताल तक पहुंचाने का काम अब तक किया जा चुका है। हालांकि इस कंट्रोल कमांड के प्रभारी तेजस्वी एस नायक खुद शुक्रवार से क्वारेंटाइन हो गए हैं।
प्रदेश स्तर का ये कंट्रोल कमांड सेंटर चौबीसों घंटे चालू रहता है। इसमें फोन की दस लाइनें हैं। यहां तीन शिफ्टों में लोग काम करते हैं।
एक शिफ्ट में 35 अधिकारी कर्मचारी काम करते हैं। कोरोना संक्रमण से यहां के कर्मचारियों को बचाने के लिए हर घंटे में उन्हें सेनेटाइज किया जाता है और उन्हें साबुन से हाथ धोने के लिए प्रेरित किया जाता है। इसके लिए बकायदा हर घंटे एक अलार्म बजता है जिसके बाद वहां काम करने वाले लोग अपने आप को सेनेटाइज करने में लग जाते हैं। सेंटर में बीस टेबिलें हैं और अधिकारियों के लिए सात केबिन हैं। सभी केविन और टेबिल पर सेनेटाइजर रखा गया है।

तीन तरह के कॉल्स पर केद्रित है कॉल सेंटर

काल सेंटर में सभी तरह की शिकायतों और समस्याओं को अटेंड किया जाता है। लेकिन जीवन रक्षक दवा, गंभीर बीमार और दूसरे राज्यों में फंसे हुए प्रदेश के लोगों को लाने में विशेश रूप से काम करता है। यह लोगों को पका हुआ भोजन, लॉक डाउन होने के चलते दुकानें बंद होने के कारण खाद्यान्न भी लोगों तक पहुंचाने का काम करता है। यह कार्य जिले स्तर तथा नगरीय निकाय तथा जनपद पंचायत स्तर पर बनाए गए काल सेंटर के जरिए लोगों तक तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराने का काम करता है।

आटोमैटिक सेनेटाइजर लॉबी
कॉल सेंटर के बाहर आटोमैटिक सेनेटाजर लॉबी बनाई गई है। सेंटर में जाने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों को इसी से होकर गुजरना पड़ता है। इसके अलावा वहां दो अन्य कर्मचारी सेनेटाजर लेकर मुख्य द्वार पर खड़े रहते हैं, जो हाथों में सेनेटाजर का स्प्रे करते हैं। इसके साथ ही कॉल सेंटर पर सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया जाता है। कर्मचारी मॉस्क लगाकर काम करते हैं। पेन और बाहर से आने वाले दस्तावेजों का भी सेनेटाइजेशन किया जाता है। दरवाजे, रेलिंग पर भी सेनेटाजर का स्पे्र किया जाता है।

टीवी स्क्रीन से शहर की निगरानी

कमांड सेंटर पर 30 टीवी स्क्रीन लगाई गई हैं। इन स्क्रीनों के माध्यम से भोपाल शहर में लगाए गए कैमरों से 24 घंटे निगरानी की जा रही है। स्क्रीन से ही लॉक डाउन का उल्लंघन, लोगों तथा वाहनों की भीड़ के संबंध में क्षेत्र के पुलिस और प्रशासन को उनके मोबाइल पर सूचना भेजी जाती है। दस टीवी स्क्रीन पर निगरानी रखने के लिए एक आपरेटर की ड्यूटी लगाई गई है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो