जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार अभी तक ऐसी बारिश नहीं हुई, जिससे तालाबों को भरने जैसे स्थिति बने। पिछले वर्ष बारिश देर से आई थी, लेकिन तेज बारिश हुई, जिससे जलाशय जल्दी भर गए थे। जल संसाधन विभाग के अनुसार प्रदेश में 5500 से अधिक बांध हैं। इनमें 43700 मिलियन क्युबिक मीटर जल भराव की क्षमता है। वर्तमान में इन बाधों में 30 फीसदी पानी भरा है।
इसमें से बारिश के दौरान 250 बाधों की मानीटरिंग होती है, क्योंकि ये बाध बड़े हैं। कुछ छोटे बाधों को छोड दिया जाए तो अधिकांश बाध 40 फीसदी तक खाली हैं। 175 बाधों की हालत यह है कि इनमें सिर्फ दस फीसदी पानी है, 90 फीसदी तालाब खाली है। अगर इस वर्ष बारिश नहीं हुई तो इन तालाबों से सिंचाई की बात तो दूर ग्रामीणों के रोज के निस्तार के लिए भी पानी नहीं रह पाएगा। वहीं पिछले 15 दिनों से बारिश नहीं होने से अब नदियों का भी जल स्तर धीरे-धीरे नीचे गिरने लगा है।
बारिश की बेरूखी से फसलों की हालत खराब बारिश नहीं होने से फसलों की स्थिति भी खराब हो रहा रही है। तेज धूप वातावारण में नमी कम होने से अब फसलें सूखने लगी है। बारिश नहीं होने और तेज धूप का सबसे ज्यादा प्रभाव धान की फसल पर पड़ रहा है। धान की फसल के लिए किसानों को ज्यादा पानी की जरूरत है। अगर पानी गिरने में देरी हुई तो फसलों को पानी देने के लिए बाध खोलने पर दबाव बढ़ सकता है।
बाधों की 10- 7-2021 स्थिति
जल स्तर का प्रतिशत ————-बाधों की संख्या दस प्रतिशत से कम जल स्तर —-173
दस से 25 फीसदी जल स्तर—–29 50 से 75 फीसदी जल स्तर —31
75 से 90 फीसदी जल स्तर —15
जल स्तर का प्रतिशत ————-बाधों की संख्या दस प्रतिशत से कम जल स्तर —-173
दस से 25 फीसदी जल स्तर—–29 50 से 75 फीसदी जल स्तर —31
75 से 90 फीसदी जल स्तर —15
90 फीसदी से अधिक जल स्तर —-2
—— बाधों की 10- 7-2020 स्थिति
जल स्तर का प्रतिशत ————-बाधों की संख्या दस प्रतिशत से कम जल स्तर —-112
दस से 25 फीसदी जल स्तर—–49 25 से 25 फीसदी जल स्तर –46
50 से 75 फीसदी जल स्तर —36
—— बाधों की 10- 7-2020 स्थिति
जल स्तर का प्रतिशत ————-बाधों की संख्या दस प्रतिशत से कम जल स्तर —-112
दस से 25 फीसदी जल स्तर—–49 25 से 25 फीसदी जल स्तर –46
50 से 75 फीसदी जल स्तर —36
75 से 90 फीसदी जल स्तर —5
90 फीसदी से अधिक जल स्तर —3
90 फीसदी से अधिक जल स्तर —3