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ग्वालियर से शुरु हुआ सिलसिला पथराव तक आ पहुंचा
कमलनाथ के काफिले के सामने भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने सिर्फ काले झंडे दिखाए। बल्कि, काफिले को रोकने की भी कोशिश की गई। प्रदर्शनकारियों के हाथ में कुछ बैनर पोस्टर भी थे। ग्वालियर में भाजपा के कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद लगभग हर कार्यक्रम में विरोधी दल के नेता को काले झंडे दिखाने का सिलसिला शुरू हो गया, जो आज पथराव तक आ पहुंचा है।
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सुरक्षा गार्डों से भिड़े, काफिले पर किया पथराव
दरअसल, उपचुनाव की तैयारी को लेकर मध्य प्रदेश के अनूपपुर में चुनावी सभा को संबोधित करने गए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ के काफिले को भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने रोकने की कोशिश की। उन्हें काले झंडे दिखाते हुए विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान पूर्व सीएम की सुरक्षा में लगे गार्डों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन गुस्साए भाजयुमो कार्यकर्ता सुरक्षा गार्डों से ही भिड़ गए और मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे। जैसे तैसे कमलनाथ का काफिला आगे बढ़ा तो, कार्यकर्ताओं ने पीछे से काफिले पर पथराव शुरु कर दिया।
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कांग्रेस-भाजपा का एक दूसरे पर हमला
घटना के बाद कांग्रेस में खासा गुस्सा देखा जा रहा है। कांग्रेस ने इसपर सख्त आपत्ति जताते हुए कहा कि, भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा ही काफिले पर पथराव कराया गया है। कांग्रेस का कहना है कि, हिंसा प्रायोजित थी। कांग्रेस पार्टी अब इस मुद्दे के जरिये चुनावी रणनीति बनाने का फैसला किया है। वहीं, दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी ने पथराव की जिम्मेदारी लेने से इंकार किया। भाजपा का कहना है कि, किसी शरारती तत्वों द्वारा ऐसा किया गया होगा। पत्थर फेंकने वालों में भाजपा कार्यकर्ता नहीं थे।
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अरुण यादव ने बताया प्रायोजित हिंसा
कांग्रेस नेता और पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव ने मामले के लेकर ट्वीट करते हुए कहा कि, ‘मान. कमलनाथ जी (Z प्लस सुरक्षा) की कार पर अनूपपुर यात्रा के दौरान हुए पथराव/विरोध प्रदर्शन उसकी पराजय, हताशा का प्रतीक, हिंसा के गर्भ से उत्पन्न विचारधारा से यही उम्मीद, ध्यान रहे हम अंग्रेजों से लड़े हैं।’ अरुण यादव ने ट्वीट में एक वीडियो भी जारी किया, जिसके बारे में लिखते हुए कहा कि, ‘वीडियो स्पष्ट कर रहा है हिंसा प्रायोजित है।’