उल्लेखनीय है कि नगर निगम के स्टोर से अवैध रूप से लकड़ी बेचे जाने का खुलासा पत्रिका एक्सपोज ने 10 जनवरी 2019 के अंक में किया था, जिसके बाद नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी एक्शन में आए और जांच शुरू की।
स्टिंग में यह स्पष्ट हो गया था कि सर्दियों में गरीबों के लिए अलाव जलाने वाली लकड़ी को किस तरह आम आदमी को बेचा जा रहा है। यह लकड़ी बाजार से भी आधे से कम दामों में लकड़ी नगर निगम स्टोर से खुलेआम बेची जा रही थी, जबकि यह लकड़ी शहर में केवल अलाव जलाने के लिए है।
यह भी खुलासा हुआ था कि लकड़ी को किस तरह कचरा ढोने वाली गाड़ी में बंद करके सप्लाई किया जाता है, जिससे किसी को भनक न लगे। कचरे ढोने के लिए मिलने वाला डीजल भी इस तरह के कामों में फूंका जाता है और कचरे ढोने के अधिक चक्कर दिखा दिए जाते हैं।
पिछले दो-तीन वर्षों में ही शहर के अलग-अलग स्थानों से हजारों पेड़ काटे गए हैं। हमीदिया हॉस्पिटल की नई बिल्डिंग, गांधी नगर समेत कई सड़कों के चौड़ीकरण और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर से हजारों पेड़ों की सैकड़ों टन लकड़ी निकली, जो स्टोर में होनी चाहिए थी। कर्मचारियों ने लकड़ी का अधिकांश भाग हेराफेरी कर बेच खाया।
पत्रिका एक्सपोज में प्रकाशित खबर पर गंभीरता से संज्ञान लिया गया है। स्टोर प्रभारी राकेश श्रीवास्तव को वहां से हटाकर मुख्यालय अटैच किया गया है। जांच चल रही है।
– बीडी भूमरकर, उपायुक्त-उद्यान शाखा, नगर निगम
पत्रिका एक्सपोज में प्रकाशित खबर पर गंभीरता से संज्ञान लिया गया है। स्टोर प्रभारी राकेश श्रीवास्तव को वहां से हटाकर मुख्यालय अटैच किया गया है। जांच चल रही है।
– बीडी भूमरकर, उपायुक्त-उद्यान शाखा, नगर निगम