scriptपति-पत्नी के बीच के प्रेम और भरोसे की कहानी | Story of love and trust between husband and wife | Patrika News

पति-पत्नी के बीच के प्रेम और भरोसे की कहानी

locationभोपालPublished: Jan 16, 2020 12:05:33 am

Submitted by:

mukesh vishwakarma

शहीद भवन में नाटक मध्यांतर का मंचन

पति-पत्नी के बीच के प्रेम और भरोसे की कहानी

पति-पत्नी के बीच के प्रेम और भरोसे की कहानी

भोपाल. शहीद भवन में आर्टिस्ट वेलफेयर सोसायटी द्वारा आयोजित कलारंग समारोह के तहत गुरुवार को मध्यांतर नाटक का मंचन किया गया। नाटक का लेखन जयवर्धन ने किया है। इसकी परिकल्पना एवं निर्देशन संतोष पणिक्कर ने की। इसकी कहानी में पति-पत्नी के बीच के प्रेम और भरोसे को दिखाने का प्रयास किया गया है। इसमें एक मध्यमवर्गीय शिक्षक परिवार की कहानी को दिखाया है। नाटक वर्तमान समय को प्रस्तुत किया है। हर व्यक्ति के जीवन में मध्यांतर आता है, जो किसी के लिए अजीवन दु:खद रहता है। कोई अपनों के प्रेम और सहायता से पार पा जाता है। एक घंटे 20 मिनट की समयावधि वाले इस नाटय मंचन में चार कलाकारों ने ऑन स्टेज अपना रोल प्ले किए हैं। यह नाटक भोपाल में दूसरी बार मंचित किया गया।

प्रेम और अपनेपन के दो पायों पर खड़े पति-पत्नी
प्रेम और अपनेपन के दो पायों पर खड़े पति-पत्नी के रिश्तों के ताने-बाने में बुनी कहानी में पति ज्ञान, पत्नी छाया और उनके दोस्त जयंत केंद्रीय पात्र हैं। ज्ञान ड्रामा टीचर है तो छाया थिएटर आर्टिस्ट, वहीं जयंत एक लेखक है। एक कहानी को पूरा नहीं कर पा रहा जयंत कहानी को खत्म करने में अपनी मित्र छाया की मदद मांगता है। वहीं वैवाहिक जीवन में संतान न होने से दुखी ज्ञान कहता है कि शादी के पांच साल बाद भी वह पिता नहीं बन पाया।

हादसे में ज्ञान खो देता है अपना पुरुषत्व
नाटक की कहानी में आगे दूसरी शादी का दबाव बनाते ज्ञान से छाया प्रेम की मांग करती है। इसी बीच एक हादसे में ज्ञान अपना पुरुषत्व खो देता है। बदले हालात में छाया कहती है वह मां तो बनना चाहती है लेकिन उसे अजन्मी संतान से ज्यादा पति से प्यार है। ज्ञान, छाया को तलाक लेने को कहता हैए लेकिन छाया इससे इनकार करती है और तलाक के कागजात फाड़ देती है। जयंत परेशान छाया को नौकरी दिलाता है। वहीं, ज्ञान जयंत को छाया से शादी के लिए कहता है।

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