ऐसा नहीं है कि छुट्टी मांगने वाले सभी बहाने बना रहे हों, लेकिन कई लोग तो केवल इस ड्यूटी से बचने के लिए ऐसे ऐसे बहाने बना रहे हैं कि उन्हें सुनकर आप भी सोचने को मजबूर हो जाएं, ऐसे ही दो बहाने तो बेहद खास आए हैं...
1. सतना... सर! सास की तबीयत खराब है... देखभाल के लिए कोई नहीं। इसलिए अवकाश चाहिए है...
2. भोपाल... पीएचई के एक कर्मचारी ने कहा, कोविड से फेफड़े कमजोर हो गए। देर तक खड़े नहीं रह पाते, चुनाव ड्यूटी से दूर रखा जाए।
दरअसल राज्य स्तरीय कार्यालयों में तैनात कुछ बाबुओं को ड्यूटी से मुक्त कराने के लिए बड़े अफसरों ने पत्र भेजे हैं। हालांकि मेडिकल संबंधी समस्या पर ड्यूटी काटी गई है। जिन्होंने मतदान के दिन यानी 25 जून को शादी या अन्य कारणों से आवेदन दिया, उन्हें रिलीव किया जा रहा है।
भोपाल: फंदा और बैरसिया ब्लॉक में 3165 कर्मचारियों की ड्यूटी है। 235 के आवेदन ड्यूटी कटवाने के लिए पहुंचे हैं। ज्यादातर ने स्वास्थ्य कारणों के चलते गुहार लगाई है। सतना: जिला निर्वाचन ऑफिस में छुट्टी के 46 आवेदन पहुंचे हैं।
छिंदवाड़ा: चुनाव ड्यूटी से बचने बोर्ड में 16 कर्मचारी पहुंचे। हड्डी टूटने, बीपी, शुगर आदि का हवाला दिया। राजधानी में ऐसा है हाल
पर्यावास भवन: एक ऑफिस में अधिकारी ने अपने बाबू की ड्यूटी नहीं लगाने के लिए पत्र लिखा है।
स्वास्थ्य विभाग: कर्मी ने पोस्ट कोविड की स्थिति बताते हुए कहा कि चलने-फिरने में समस्या है। सिंचाई विभाग: एक कर्मचारी ने हार्ट कमजोर होने के चलते ड्यूटी से रियायत मांगी है। शिक्षा विभाग: वर्टिगो की समस्या बताने वाले कर्मचारी ने कहा, उन्हें खड़े होने के बाद चक्कर आते हैं।
नौकरी पर बात आई तो लौटाया आवेदन
इधर जबलपुर में केंद्रीय विद्यालय के शिक्षक ने यह कहकर ड्यूटी से नाम कटवाने के लिए आवेदन दिया कि 8 साल पहले उन्हें हार्टअटैक आया था। वे तभी से हृदय रोगी हैं। चुनाव अधिकारी ने 20-50 के फॉर्मूले तहत शिक्षक की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए विभाग को पत्र लिखने को कहा, तब शिक्षक ड्यूटी करने के लिए तैयार हो गए।