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बंद लाइट्स से ठेकेदार को हर माह 20 लाख की कमाई

locationभोपालPublished: Oct 27, 2018 12:56:26 am

Submitted by:

Sumeet Pandey

स्मार्ट लाइट्स

smart street light are not smart in city

darkness on roads

भोपाल. राजधानी के बाजारों, सड़कों, पुल-पुलियाओं, कॉलोनियों में बंद स्ट्रीट लाइट्स आमजन के लिए भले ही परेशानी का सबब बन रही हो, लेकिन शहर में स्मार्ट लाइट्स लगाने वाली ठेका कंपनी को ये हर माह 20 लाख रुपए तक की कमाई दे रही है। स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कारपोरेशन ने शहर में 19 हजार एलइडी लाइट्स लगवाई। ठेका कंपनी इनमें से 10 हजार लाइट्स बंद रखती है। जहां से अधिक शिकायत आती है, वहां की लाइट्स चालू कर दूसरे क्षेत्र की लाइट्स बंद कर दी जाती है।
ये बंद लाइट्स ठेका कंपनी के लिए प्रतिमाह लाखों रुपए की अतिरिक्त कमाई का माध्यम बनती है। दरअसल पुराने बिजली बिल के आधार पर स्मार्ट लाइट्स के लिए ठेका कंपनी को सालाना करीब तीन करोड़ रुपए की राशि मिलती है। ये राशि बिजली बिल के तौर पर दी जाती है। इससे ही ठेका कंपनी को अपनी कमाई भी निकालना है। अभी स्थिति ये हैं कि 60 फीसदी लाइट्स लगातार बंद रखने से बिल एक करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। यानी सीधे तौर पर दो करोड़ रुपए का लाभ ठेका एजेंसी को हो रहा है।
बाग मुगालिया एक्सटेंशन रहवासी समिति के अध्यक्ष उमाशंकर तिवारी का कहना है कि मैं बंद स्मार्ट लाइट्स के लिए अब तक 150 से अधिक बार सीएम हेल्पलाइन से लेकर निगम और स्मार्टसिटी के कार्यालय तक शिकायत कर चुका हूं। लाइट्स अक्सर बंद ही रहती है। इसी तरह कोलार रोड की 60 फीसदी स्मार्ट लाइट्स बंद रखी जाती है। अरेरा कॉलोनी से लेकर चार इमली तक में लाइट्स बंद रखी जाती है। बीआरटीएस कॉरीडोर में स्मार्ट लाइट्स लगाई हैं। बैरागढ़ और मिसरोद की ओर अकसर लाइट्स बंद रखी जाती हैं। स्मार्टसिटी कारपोरेशन के अधीक्षण यंत्री रामजी अवस्थी को इसकी मॉनीटरिंग का पूरा जिम्मा है, लेकिन उन्होंने इस पर एक बार भी ठेका कंपनी से बैठक नहीं की। शिकायतों को वे रुटीन लेकर उसे समय सीमा में दुरुस्त कराने का दावा करते हैं।
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