स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि प्रदेश के नागरिकों को शुद्ध खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिये प्रदेश “मिलावट से मुक्ति” अभियान संचालित किया जा रहा है। अभियान में मिलावटखोरों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के साथ एनएसए में कार्यवाही भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि बीमार को ठीक करने से ज्यादा जरूरी है, बीमारी से बचाव करना। इसे ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले मिलावटी खाद्य पदार्थों को रोकने के लिये मिलावटखोरों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि “मिलावट से मुक्ति” अभियान की एक वर्ष की अवधि में 21 हजार लीगल नमूने लिये गये हैं और 2 लाख सर्वे नमूने लिये गये। इस अवधि में मिलावटखोरों से 19 करोड़ रुपये से अधिक की सामग्री जप्त की गई और 394 मिलावटखोरों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराये गये।
बड़े 36 मिलावटखोरों के विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्यवाही की गई है। मिलावटी खाद्य पदार्थों के अब तक 2700 से अधिक प्रकरण न्यायालयों में दर्ज कराये गये हैं। इनमें से 2 हजार से अधिक प्रकरण निराकृत हुए हैं। न्यायालयों द्वारा मिलावटखोरों के विरुद्ध 10 करोड़ से अधिक राशि का अर्थदण्ड भी लगाया गया है।
चलित खाद्य प्रयोगशाला को हरी-झण्डी दिखाकर रवाना करने से पहले स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने खाद्य पदार्थों की जाँच प्रक्रिया को प्रदर्शित करने वाले स्टॉल का अवलोकन किया। उन्होंने विभिन्न जिलों से आये अधिकारियों को मैजिक बॉक्स वितरित किये।
आयुक्त खाद्य नियंत्रक एवं औषधि प्रशासन आकाश त्रिपाठी ने बताया कि तीन चलित खाद्य प्रयोगशाला में एक नर्मदापुरम् संभाग, दूसरी खण्डवा, खरगोन, बुरहानपुर, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ और तीसरी गुना, अशोकनगर, शिवपुरी क्षेत्र के लिये रवाना की जा रही है। उन्होंने बताया कि इसके पूर्व 9 चलित खाद्य प्रयोगशाला जिलों में भेजी जा चुकी हैं। चलित खाद्य प्रयोगशाला के माध्यम से कोई भी नागरिक अपने किसी भी खाद्य पदार्थ की जाँच 10 रुपये का मामूली शुल्क देकर करा सकते हैं। चलित खाद्य प्रयोगशाला में दूध में यूरिया, डिटर्जेंट, पेस्टीसाइड, मिल्क पाउडर की मिलावट, घी में अन्य वनस्पति अथवा तेल की मिलावट, पनीर में मिल्क पावडर और पॉम तेल की मिलावट, मावा में वनस्पति और मिल्क पाउडर की मिलावट, हल्दी, मिर्च, धनिया आदि में मिलावट की तुरंत जाँच होती है। विभाग द्वारा सभी जिलों को मैजिक बॉक्स (रेपिड टेस्टिंग किट) उपलब्ध कराये गये हैं। मैजिक बॉक्स के माध्यम से खाद्य पदार्थों की प्राथमिक जाँच की जा सकती है। उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट की सूचना नागरिकों द्वारा ई-मेल आई.डी. foodsafetyhelpdeskmp@gmail.com अथवा दूरभाष हेल्प डेस्क नम्बर 0755-2665036 और जिला कलेक्टर कार्यालय में सूचित कर दी जा सकती है।