मुख्यमंत्री कमलनाथ ने डीजीपी को इसकी जांच के निर्देश दिये है और कहा है कि जांच करे कि किसानो पर बलप्रयोग की स्थिति क्यों बनी। क़ानून व्यवस्था के पालन के लिये बलप्रयोग किया गया या अनावश्यक कारण से बल प्रयोग किया गया। इसकी जांच हो। अनावश्यक बलप्रयोग पर दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्यवाही करने को भी कहा।
ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पूर्व में ही प्रशासन को निर्देश दिये थे कि यह किसान हितैषी सरकार है। इसमें किसानो का दमन किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। यह पूर्व की सरकार नहीं है, जिसमें किसानों के सीने पर गोलियाँ तक दाग़ी गयी थी।
यहां हुई थी घटना…
चार दिन पहले गुना जिले के नानाखेड़ी गोदाम पर किसानों ने यूरिया नहीं मिलने से हंगामा कर दिया। इस पर पुलिस ने उनपर लाठियां भांज दी थी। किसानों को लाठी मारकर खाद वितरण केंद्र से दूर तक खदेड़ दिया था। उधर, बमोरी तहसील मुख्यालय पर खाद नहीं मिलने से किसानों ने नारेबाजी की और समस्याओं को लेकर तहसील के बाबू को ज्ञापन सौंपा था।
किसानों को 28 हजार टन यूरिया बांटने का लक्ष्य था, लेकिन अब तक 18 हजार टन यूरिया बांटा जा चुका है, लेकिन अब तक पूर्ति नहीं हो पाई है। खाद की गोदामों पर सुबह से ही किसानों की कतार लगी हैं। एनएफएल प्लांट से 5200 टन यूरिया ओर आना है।