1300 से अधिक कॉलेज और छह विश्वविद्यालय में होते हैं चुनाव
बता दें प्रदेश के लगभग 1300 से अधिक कॉलेज और आधा दर्जन से अधिक विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव होते हैं। शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार यह चुनाव अक्टूबर में हो जाने चाहिए, लेकिन नवंबर-दिसंबर में प्रस्तावित विधान सभा चुनावों के लिए जल्द ही आचार संहिता लग सकती है। ऐसे में अक्टूबर में छात्रसंघ चुनाव संभव नही है। विधानसभा चुनाव के लिए कॉलेजों को भी मतदान केंद्र बनाए जाने के साथ ही कॉलेज प्रोफेसर्स की भी ड्यूटी लगाई जाती है। इसके लिए उन्हें कई प्रकार की ट्रेनिंग दी जाती है। दोनों ही चुनावों में पुलिस बल की भी आवश्यकता पड़ती है।
शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार छात्र संघ चुनाव कराए जाना संभव नहीं है। इसका समय निकल चुका है। ऐसे में विधानसभा चुनावों के बाद ही कुछ हो सकता है। नीरज मंडलोई, प्रमुख सचिव गतवर्ष प्रदेश में भाजपा सरकार ने छात्रों के दबाव के कारण मजबूरी में छात्रसंघ चुनाव कराए थे। चूंकि इस बार सरकार को पता है कि छात्रसंघ चुनावों को असर विधानसभा चुनाव में भी पड़ सकता है। इसलिए सरकार ने ये चुनाव टाल दिए हैं। प्रदेश का युवा सरकार और उसकी नीतियों से खिन्न है।
विवेक त्रिपाठी, प्रदेश प्रवक्ता एनएसयूआई