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भोपाल

इस बार नही होंगे छात्र संघ चुनाव, वार्षिक हुआ सत्र इसलिए दिसंबर बाद भी संभावना कम

जल्द लग सकती है आचार संहिता, दिसंबर के बाद अध्यापन के लिए कम बचेगा समय

भोपालOct 05, 2018 / 01:33 am

Sumeet Pandey

student council election

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भोपाल. विधानसभा चुनाव की सरगर्मी ने पांच साल बाद हुए छात्रसंघ चुनावों पर एक बार फिर से ब्रेक लगा दिया है। विधानसभा चुनाव के बाद भी छात्रसंघ चुनाव होने की संभावना कम है। इसका कारण वर्तमान में शैक्षणिक सत्र वार्षिक पद्धति के आधार पर चलना है। दिसंबर के बाद विश्विद्यालय और कॉलेजों में अध्यापन के लिए समय कम बचेगा। ऐसे में यदि छात्रसंघ चुनाव होते हैं तो अध्यापन प्रभावित होगा। विधानसभा चुनावों के लिए जल्द ही आचार संहिता लग सकती है। बता दें कि छात्रसंघ चुनावों के लिए भी शासन को खासी तैयारी करनी पड़ती है। इसमें कॉलेज प्रोफेसर्स की अहम भूमिका रहती है। चूंकि विधानसभा चुनाव में भी कॉलेज शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाएगी। ऐसे में शासन ने फिलहाल इन चुनावों को टालने का निर्णय लिया है।
1300 से अधिक कॉलेज और छह विश्वविद्यालय में होते हैं चुनाव
बता दें प्रदेश के लगभग 1300 से अधिक कॉलेज और आधा दर्जन से अधिक विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव होते हैं। शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार यह चुनाव अक्टूबर में हो जाने चाहिए, लेकिन नवंबर-दिसंबर में प्रस्तावित विधान सभा चुनावों के लिए जल्द ही आचार संहिता लग सकती है। ऐसे में अक्टूबर में छात्रसंघ चुनाव संभव नही है। विधानसभा चुनाव के लिए कॉलेजों को भी मतदान केंद्र बनाए जाने के साथ ही कॉलेज प्रोफेसर्स की भी ड्यूटी लगाई जाती है। इसके लिए उन्हें कई प्रकार की ट्रेनिंग दी जाती है। दोनों ही चुनावों में पुलिस बल की भी आवश्यकता पड़ती है।
शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार छात्र संघ चुनाव कराए जाना संभव नहीं है। इसका समय निकल चुका है। ऐसे में विधानसभा चुनावों के बाद ही कुछ हो सकता है।

नीरज मंडलोई, प्रमुख सचिव

गतवर्ष प्रदेश में भाजपा सरकार ने छात्रों के दबाव के कारण मजबूरी में छात्रसंघ चुनाव कराए थे। चूंकि इस बार सरकार को पता है कि छात्रसंघ चुनावों को असर विधानसभा चुनाव में भी पड़ सकता है। इसलिए सरकार ने ये चुनाव टाल दिए हैं। प्रदेश का युवा सरकार और उसकी नीतियों से खिन्न है।
विवेक त्रिपाठी, प्रदेश प्रवक्ता एनएसयूआई

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