कम से कम 50-60 संख्यात्मक प्रश्नों को हल करना चाहिए फिटजी एक्सपर्ट रमेश बटलिश ने बताया कि स्टूडेंट्स को प्रतिदिन भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित में कम से कम 50-60 संख्यात्मक प्रश्नों को हल करना चाहिए। अवधारणा की स्पष्टता के साथ इसे हल करने से अधिक सफलता हासिल होती है क्योंकि परीक्षा में एक निश्चित पैटर्न नहीं हो सकता है। हालांकि सवालों को हल करने के लिए यह अच्छा है। जेईई को क्रैक करने के लिए क्रिटिकल थिंकिंग पर बहुत जोर देने के साथ-साथ विश्लेषणात्मक कौशल में भी मजबूती और पकड़ की आवश्यकता होती है। इस प्रकार अवधारणा के अनुप्रयोग को भी समझना अत्यावश्यक है।
जेईई मेन 2019 के लिए सामान्य रैंक सूची अप्रैल की परीक्षा के परिणाम घोषित होने के बाद मई के पहले सप्ताह में उपलब्ध करायी जाएगी। जेईई मेन जनवरी और अप्रैल दोनों में षामिल होने वाले उम्मीदवारों के बेहतर स्कोर को रैंकिंग के उद्देश्यों के लिए माना जाएगा, जबकि केवल एक परीक्षा में उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों के उसी स्कोर का उपयोग किया जाएगा। सामान्य रैंक सूची उम्मीदवारों के विवरण और प्राप्त अंकों के अलावा उम्मीदवारों के अखिल भारतीय रैंक और कैटेगरी रैंक को निरूपित करेगी। जेईई मेन रैंक एनआईटी, आईआईआईटी और जीएफटीआई में प्रवेश के लिए आधार होगा।
को-सब्जेक्ट पर भी करें फोकस
उन्होंने कहा बोर्ड की परीक्षा और जेईई मेन के दूसरे प्रयास के बीच बहुत कम अंतर रहेगा। विभिन्न सब्जेक्ट में कुछ को-सब्जेक्ट होते हैं। जिन पर आम तौर पर बोर्ड में अधिक वेटेज होते हैं क्योंकि इसमें प्रश्न सब्जेक्टिव प्रकार के होते हैं। कुछ ऐसे उप-विषय भी हैं जो जेईई मेन का हिस्सा होते हैं, लेकिन जेईई एडवांस परीक्षा का हिस्सा नहीं होते हैं। इसलिए कुछ छात्र अपनी तैयारी के दौरान इन्हें अनदेखा कर देते हैं। जेईई मेन 2019 का पहला चरण हाल ही में 12 जनवरी को हुआ और जिन छात्रों को बेहतर रैंक प्राप्त नहीं होने की आशंका है, उन्हें बेहतर प्रदर्षन करने के लिए अप्रैल (6 अप्रैल -20 अप्रैल) में दूसरा मौका मिलेगा। अप्रैल सत्र के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया 8 फरवरी से 7 मार्च 19 तक चलेगी।