scriptलेटलतीफी के कारण अटक सकती है छात्रों की स्कॉलरशिप | Studentship may get stuck due to lateality | Patrika News

लेटलतीफी के कारण अटक सकती है छात्रों की स्कॉलरशिप

locationभोपालPublished: May 27, 2021 12:11:10 pm

Submitted by:

Hitendra Sharma

दो धड़ों में बंटा आयोग, निजी विवि आयोग में खींचतान, फीस रिव्यू व अन्य काम अटके

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भोपाल. मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग में इन दिनों सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। आयोग के सदस्यों और सचिव में चल रही खींचतान के कारण विश्वविद्यालयों के काम प्रभावित हो रहे हैं। अब नया सत्र 2021-22 शुरू होने वाला है लेकिन पाठ्यक्रमों की पिछले सत्र 2020-21 की फीस का रिव्यू कर आदेश जारी नहीं हो सके हैं। इसके अलावा नए कोर्स के अध्यादेश भी अटके हुए हैं। लेकिन किसी का ध्यान इस पर नहीं है। सूत्रों के अनुसार यहां पर सब अपने-अपने अनुसार काम करना चाहते हैं। आपसी मनमुटाव के चलते आयोग दो धड़ों में बंट गया है। इसलिए यूनिवर्सिटी के काम लंबे समय तक अटके हुए हैं।

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…तो मनमानी वसूली जाएगी फीस
मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग द्वारा की जा रही लेटलतीफी का भविष्य में असर विद्यार्थियों पर भी पड़ सकता है। दरअसल, विद्यार्थियों को कितनी फीस जमा करनी है यह उन्हें मालूम नहीं है। ऐसे में विश्वविद्यालयों को भी अपने अनुसार फीस लेने का मौका खुद आयोग दे दिया है। वहीं आयोग के द्वारा स्कॉलरशिप की लॉकिंग नहीं की गई है। आयोग की लापरवाही के निजी विश्वविद्यालयों में पढऩे वाले छात्र-छात्राओं की स्कॉलरशिप अटक सकती है।

बीच में बदली गई जिम्मेदारी
पूर्व में यह जिम्मेदारी प्रशासनिक सदस्य डॉ. विश्वास चौहान को सौंपी थी। बताया गया कि यह कुछ खास नहीं कर सके। इसके बाद इनसे यह जिम्मेदारी वापस लेकर सचिव डॉ. केपी साहू को सौंप दी गई। लेकिन अभी भी आदेश जारी नहीं हो सके हैं। इस मामले में प्रशासनिक सदस्य डॉ. विश्वास चौहान का कहना है कि फीस के रिव्यू की कोई जानकारी नहीं है। यह काम वह नहीं देख रहे हैं। वहीं सचिव डॉ. केपी साहू ने इस मामले में टिप्पणी करने से इनकार किया।

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पिछले सत्र के मामले अभी तक नहीं निपटे
नया सत्र शुरू होने वाला है। लेकिन आयोग अभी तक पिछले सत्र के मामलों को नहीं निपटा सका है। इसमें छात्रों से जुड़ा सबसे अहम मुद्दा फीस का है। इसको लेकर भी आयोग गंभीर नहीं है। इस बार आयोग का पूरा कोरम है। इसके बाद भी हालात ऐसे हैं कि पिछले सत्र के प्रस्तावों के मामले बैठक कुछ दिन पहले ही हुई है। लेकिन अब कोरोना का बहाना बनाने लगे हैं। आयोग की कार्यप्रणाली के चलते पिछले सत्र में शुरू किए गए कोर्स व सीट संख्या में होने वाली बढ़ोतरी के लिए गए निरीक्षण के बाद आदेश जारी नहीं हो सके हैं।

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निजी विवि विनियामक आयोग अध्यक्ष प्रो. भरत शरण सिंह ने बताया कि कोई काम पैंडिंग नहीं है। सदस्यों और सचिव के बीच भी कोई दिक्कत नहीं है। फीस रिव्यू की बैठक हो चुकी है। जल्द ही आदेश जारी होना शुरू हो जाएंगे।

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