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फार्म भरने के बाद भी पूरी नहीं हो रही लोगों की अंतिम इ‘छा

locationभोपालPublished: Feb 28, 2018 10:58:50 am

वर्ष में करीब छह माह खराब पड़ी रहती है सुभाष नगर विश्राम घाट में लगाई गई इलेक्ट्रानिक विद्युत शव दाह मशीन…

Subhash Nagar Crematorium

Subhash Nagar Crematorium

भोपाल। पेड़ों की कटाई को कम करने और जल्द से जल्द दाह संस्कार की प्रक्रिया पूरी करने नगर निगम द्वारा सुभाष नगर विश्राम घाट पर विद्युत शव दाह मशीन (इलेक्ट्रानिक क्रेमेटोरियम) लगाई गई थी। नगर निगम द्वारा लोगों से फार्म भराकर उनके दाह संस्कार की अंतिम इ‘छा भी पूछी जाती है, लेकिन अब फार्म भरने के बाद भी लोगों की विद्युत मशीन से दाह संस्कार की अंतिम इ‘छा पूरी नहीं हो पा रही।

सुभाष नगर विश्राम घाट में 1992 में दाह संस्कार के लिए विद्युत्त शव दाह मशीन स्थापित की गई थी। नगर निगम द्वारा बड़ौदा की हिन्दुस्तान ब्राउन बौवेरी कंपनी से करीब 6-8 लाख रुपए में खरीदा था। मशीन के संचालन के लिए दो आपरेटर और दो सफाई कर्मचारी की व्यवस्था भी है, लेकिन आज तक सुचारू रूप से मशीन का संंचालन नहीं हो सका। अधिकांशत: समय मशीन बिगड़ी रहती है। इस दौरान कोई परिवार अपने परिजन का उनकी अंतिम इ‘छा के अनुरूप दाह संस्कार करना चाहता है, तो वह मुमकिन ही नहंी रहता। इससे उन्हें विवश होकर लकड़ी से ही दाह संस्कार कराना पड़ता है।

बताया जाता है कि मशीन में खराबी आने पर नगर निगम द्वारा टैंडर जारी कर अहमदाबाद की कंपनी से मशीन की रिपेयरिंग करवाई जाती है। इस पूरी प्रक्रिया में ही करीब 4-5 माह लग जाते है। जिसके चलते आधे समय तो मशीन खराब ही पड़ी रह जाती है।

11 फरवरी को एप्री से इंटर्नशिप कर रहे हरिद्वार के निलोत्पल सरकार का शव बड़े तालाब में मिला था। उसकी खबर से पिता की हालत बिगड़ गई। उन्हें दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। मशीन खराब होने पर परिजन को युवक का अंतिम संस्कार लकड़ी से ही कराना पड़ा। शक्ति नगर निवासी राजीव वासणेय की माता जी का कुछ माह पहले निधन हो गया था। परिजनों की अंतिम इ‘छा थी कि माता का अंतिम संस्कार विद्युत शव दाह मशीन से किया जाए। लेकिन मशीन खराब होने के चलते उन्हें लकड़ी से ही अंतिम संस्कार करवाना पड़ा था।

 

15 गुना अधिक राशि खर्च करने को मजबूर जनता
मशीन से दाह संस्कार के लिए निगम द्वारा 200 रूपए लिए जाते हैं। लकड़ी से दाह संस्कार के लिए लोगों 525 रूपए क्वींटल के हिसाब से ढ़ाई से तीन क्वींटल लकड़ी के 1575 रूपए, लाड, घी, क ंडे अन्य सामग्री में तीन हजार खर्च करना पड़ते हंै।

 

बाहरी लोग कराना चाहते हैं मशीन से दाह संस्कार
भोपाल से बाहर रहने वाले कई परिवार दाह संस्कार के बाद अस्थियां लेने दोबारा भोपाल नहीं आना चाहते। वह विद्युत शव दाह मशीन से ही अंतिम संस्कार करवाना ’यादा सही समझते हैं। क्योंकि उसमें दो से ढ़ाई घंटे बाद ही उन्हें अस्थियां मिल जाती हैं।

 

समाजसेवी ने जताई मशीन सुधरवाने की इ‘छा
बताया जा रहा है कि वर्तमान में मशीन में लगी करीब 12 इलेक्ट्रानिक क्वाइल पूरी तरह से खराब हो चुकी हैं। जिसके चलते दाह संस्कार मशीन 4 दिसंबर से बंद पड़ी हुई है। वहीं अब एक समाजसेवी ने उक्त मशीन को स्वयं के खर्चे से रिपेयर करवाने की मंशा जाहिर की है।

 

ढ़ाई लाख रूपए की टैंडर प्रक्रिया चल रही
मशीन की क्वाइल जल गई हैं। जिसके सुधार के लिए करीब ढ़ाई लाख रूपए की टैंडर प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही मशीन सुधरवा ली जाएगी। वहीं इस बार कुछ क्वाइल अतिरिक्त भी खरीदी जाएंगी।
– आशीष श्रीवास्तव, एई नगर निगम विद्युत शाखा

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