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बिना बेहोश किये मरीज से चार घंटे तक बात करते हुए डॉक्टरों ने किया बड़ा ऑपरेशन

locationभोपालPublished: Jul 27, 2019 03:18:49 pm

Submitted by:

KRISHNAKANT SHUKLA

Success heart surgery in bhopal : एम्स भोपाल हार्ट का जटिल ऑपरेशन किया गया। इसमें मरीज पूरे चार घंटे तक डॉक्टरों से बात करता रहा। इस दौरान डॉक्टरों ने मरीज की महाधमनी में 16 एमएम का स्टेंट डाल दिया।

Cardiologist

बिना बेहोश किये मरीज से चार घंटे तक बात करते हुए डॉक्टरों ने किया बड़ा ऑपरेशन

success heart surgery : अमूमन जब किसी का ऑपरेशन किया जाता है, तो मरीज ( patient ) को बेहोश किया जाता है। लेकिन एम्स भोपाल हार्ट का जटिल ऑपरेशन ( success heart surgery ) किया गया। इसमें मरीज पूरे चार घंटे तक डॉक्टरों ( doctors ) से बात करता रहा। इस दौरान डॉक्टरों ने मरीज की महाधमनी में 16 एमएम का स्टेंट डाल दिया। राजधानी में इस तरह के ऑपरेशन का यह पहला मामला है। यह ऑपरेशन रीवा के 35 वर्ष के एक मरीज का हुआ।

एम्स के कार्डियोलॉजिस्ट ( cardiologist ) डॉ. गौरव खंडेलवाल बताया

मरीज को लंबे समय से सिरदर्द और हाई ब्लड प्रेशर की दिक्कत थी। एम्स भोपाल में जांच कराने पर पता चला कि मरीज की महाधमनी (एओर्टा) में जन्म के समय से रुकावट है। इससे महाधमनी में सिर और हाथ की नस निकल जाने के बाद 99 फीसदी ब्लॉकेज था। इस स्थिति को आर्कटेशन ऑफ एओर्टा कहते हैं।

महाधमनी क्या है

महाधमनी शरीर की सबसे बड़ी (20एमएम) तथा मुख्य धमनी है, जो हृदय के बाएं निलय (वेंट्रिकल) से शुरू होती है। इससे ही पूरे शरीर में ऑक्सीजन युक्त रक्त का प्रवाह होता है। इसके चार मुख्य भाग होते हैं जो शरीर के अलग अलग हिस्सों में रक्त का प्रवाह करती है।

AIIMS

एम्स भोपाल में हार्ट का जटिल ऑपरेशन, महाधमनी में डाला गया स्टेंट 16 गुना बड़ा स्टेंट

डॉ. खंडेलवाल ने बताया कि इस तरह के ऑपरेशन ज्यादा जटिल होते हैं। उन्होंने बताया कि सामान्यत: ब्लॉकेज हार्ट से निकालने वाली धमनियों में होता है, जिसे एक या दो एमएम का स्टेंट डालकर खत्म कर दिया जाता है। लेकिन यहां महाधमनी में ब्लॉकेज था जिसे खत्म करने के लिए 16 एमएम का स्टेंट डालना पड़ा। इतना बड़ा स्टेंट डालना चुनौती पूर्ण है।

नहीं किया बेहोश

ब्लॉकेज दूर करने के लिए बाइपास सर्जरी भी एक विकल्प था लेकिन इसमें चीरफाड़ करने के साथ खतरा ज्यादा रहता है। इसलिए हमने स्टेंट डालने का निर्णय लिया। ऑपरेशन के दौरान मरीज को बेहोश नहीं किया गया हालांकि लोकल ऐनिस्थीसिया दिया गया ताकि उन्हें शारीरिक असहजता या दर्द न महसूस हो।

उन्होंने बताया कि महाधमनी का ऑपरेशन जटिल ऑपरेशन है। ऐसे में मरीज के बात करते रहने से हमें उसके बारे में पता रहता है। मरीज को कोई भी दिक्कत होती है तो हमें तुरंत पता चल जाता है।

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